केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए 25 सदस्यीय मुस्लिम टीम बुधवार से ही लंगर चला रही है।
किसानों को अपनी नाराजगी दिखाने का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उन्हें किसी भी कीमत पर राष्ट्रविरोधी तत्वों को अपने मंच का इस्तेमाल करने और अशांति फैलाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।
नासिक के नांदुर शिंगोटे गांव में रहने वाले विनायक हेमाडे नाम के किसान ने हरा धनिया बेचकर साढ़े 12 लाख रुपये कमाए।
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में चल रही सरकार की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने किसान आंदोलन पर बड़ा बयान दिया है।
सरकार ने किसान नेताओं से नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को बिंदुवार तरीके से सामने लाने को कहा है ताकि गुरुवार को होने वाली दूसरे दौर की बैठक में सरकार द्वारा एक-एक क्लॉज पर विचार किया जा सके।
केंद्र सरकार से बातचीत का पहला राउंड फेल होने के बाद किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने बवाल शुरू कर दिया है। यहां किसान रास्ता जाम करने के लिए गाय लेकर पहुंच गए हैं।
हरियाणा से लगनेवाले सिंघू बॉर्डर पर किसानों का सबसे बड़ा जमावड़ा है और इसे दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। लामपुर, औचंदी और अन्य छोटे बॉर्डर एंट्री प्वॉइंट को भी बंद कर दिया गया है।
भारत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के अन्य नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर बातचीत ठीक रही। अब परसों फिर बैठक होगी।
विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान जिन स्थानों पर एकत्र हैं, वहां से कोविड-19 के गंभीर प्रसार की आशंका है, यहां अनेक किसानों ने मास्क नहीं पहन रखे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों पर कहा कि इसपर भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी-प्रयागराज 6 लेन चौड़ी सड़क का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण में कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।
नीतीश कुमार ने कहा है कि किसानों के साथ केंद्र सरकार की जब बातचीत होगी तो उन्हें पता चल जाएगा कि किसी भी फसल की खरीद में कोई बाधा नहीं आने वाली है
कर्नाटक के किसान संगठनों ने भी किसान कानून के खिलाफ सोमवार राज्यव्यापी बंद रखा है। इस दौरान राज्य के अधिकांश शहरों में बंद का असर देखने के मिल रहा है।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब-हरियाणा बोर्डर को बंद कर दिया गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
संसद में केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है। विरोधी राजनीति दलों समेत कई किसान संगठन इसका विरोध कर रहे है। 25 सितंबर को इसी सिलसिले में किसान संगठनों द्वारा पूरे देश में बंद का आह्वान किया गया है।
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए हजारों की संख्या में किसानों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश सीमा पर रोक दिया है, जिससे दिल्ली-उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजमार्ग 9 (24) पर भारी जाम लग गया है।
हजारों किसान गुरुवार से ही रामलीला मैदान में रूके हुए थे और शुक्रवार की सुबह उन्होंने संसद भवन की ओर मार्च शुरू किया। किसान कर्ज माफी और फसलों की अधिक कीमतों की मांग सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा 29 और 30 नवंबर को आहूत संसद मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार किसानों के मुद्दों पर ध्यान नहीं देती है तो वह गुजरात में आंदोलन करेंगे।
उन्हें अपनी मांगों को मनवाने के लिए विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार भी है। लेकिन मंगलवार को जिस तरह का दृश्य देखने को मिला वह कुछ और ही तस्वीर बताता है।
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