किसानों को भड़काने के लिए जवानों के बारे में झूठ फैलाया जाए, इससे घटिया बात और क्या हो सकती है। इसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है।
दिल्ली विधानसभा में कृषि कानून को लेकर जोरदार हंगामा देखने को मिला, विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया गया साथ ही इसी दौरान सोमनाथ भारती और महेंद्र गोयल ने सदन सदन में ही कृषि कानून की कॉपी को फाड़ दिया.
राहुल गांधी के निर्देश पर पूरी कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री मोदी को किसान विरोधी साबित करने में लगी है, राहुल गांधी रोज सुबह एक ट्वीट करके दिनभर के लिए पार्टी की लाइन तय कर देते हैं.
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को अपनी पार्टी की पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर हमला बोला है।
किसान संगठनों को तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कृषि मंत्री की ओर से दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए, ताकि समाधान का रास्ता निकल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात में एक दिन के कच्छ दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपने भाषण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि किसान नेताओं को तीनों कानूनों पर चर्चा करनी चाहिए, हमारे कृषि मंत्री इसके लिए तैयार हैं। गडकरी ने कहा कि कुछ तत्व ऐसे हैं जो इस आंदोलन का फायदा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
किसान आंदोलन को लेकर सिंघु बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कल सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे।
पीयूष गोयल ने कहा कि इस आंदोलन की आड़ में शाहीन बाग की तरह कुछ ताकतें अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है।
जब संसद ने नए कृषि कानूनों को मंजूरी दी, तो इन वामपंथी नेताओं ने भोले-भाले किसानों को भड़काया और आंदोलन पर अपना कब्जा कर लिया।
भारत के घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार के कड़े रुख से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपनी बयानबाजी और किसान आंदोलन को समर्थन देने से पीछे हटना पड़ा है।
किसान नेताओं को समझना होगा कि जब तक इस तरह के राष्ट्रविरोधी तत्व अपने स्वार्थ के चलते किसानों के बीच मौजूद हैं, तब तक कोई रास्ता नहीं निकलेगा।
सिघू बॉर्डर से किसान नेता बूटा सिंह ने कहा है कि यदि सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया तो अब रेलवे ट्रैक्स को भी ब्लॉक किया जाएगा।
मुझे हैरत इस बात पर नहीं हुई कि राहुल गांधी ने अंबानी-अडानी को किसानों का दुश्मन और मोदी का दोस्त बताया। आश्चर्य इस बात पर हुआ कि कुछ किसान संगठनों के नेता यही भाषा बोलते हुए सुनाई दिए।
किसानों ने केंद्र के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर सरकार के सामने एक नई परेशानी खड़ी कर दी है। किसान नए कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं।
राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया कि 'अडानी-अंबानी फार्म कानून' को वापस लिया जाना चाहिए। "कुछ भी कम स्वीकार्य नहीं है," उन्होंने किसानों के नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग का जिक्र करते हुए कहा।
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि आठ दिसंबर को पूरी ताकत के साथ ‘भारत बंद’ किया जाएगा।
किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। देश के कई राजनैतिक दलों ने भी किसान संगठनों के बंद को समर्थन दिया है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच 5 दौर की वार्ता हो चुकी है, हालांकि दोनो पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ है।
सिनेमाजगत के जाने माने अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ आज सिंधु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों से मिले। अभिनेता ने किसानों से बातचीत करते हुए सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की गुजारिश की है।
दिल्ली की हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर हजारों किसानों के लगातार 10वें दिन भी प्रदर्शन जारी रखने के कारण कई प्रमुख मार्गों पर यातायात बेहद धीमा रहा और जाम जैसी स्थिति बनी रही।
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