मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा उकसाने वालों की करतूत है, लेकिन इससे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता।
इंडियन नेशनल लोक दल के विधायक अभय सिंह चौटाला ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है।
किसान संगठनों ने आज दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बैठक की और एक बयान जारी कर कल गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के लिए दीप सिद्धू और अन्य असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों पर कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए था।
इतिहास गवाह है कि आंदोलन कितना भी बड़ा हो, कितना भी उग्र हो, रास्ता बातचीत से ही निकलता है।
MSP पर क़ानून बनाने की मांग पर सरकार विचार करने को तेयार है, लेकिन जो किसान आंदोलन इसकी मांग को लेकर शुरू हुआ था वो अपग्रेड होकर तीनों कृषि क़ानून की वापसी पर आकर अटक गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि वह केंद्र सरकार के नए कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को समर्थन जताने के लिए मुंबई में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
आंदोलनकारी किसानों ने गुरुवार को 18 महीने के लिए तीन कृषि कानूनों को निलंबित करने के लिए मोदी सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया और 58 दिनों के विरोध प्रदर्शन की समाप्ति की आशा करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दिया।
नए कृषि कानूनों पर विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने गुरुवार को देश के 8 राज्यों के 10 किसान संगठनों से बातचीत कर कानून के संबंध में उनकी राय ली।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली के बाहर बेहद सर्द मौसम में नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति केंद्र को जरा भी हमदर्दी नहीं है।
मैं किसान नेताओं के बीच पैदा हुई दरार को लेकर ज्यादा चिंतित हूं। उनके बीच अब किसानों की बात कम हो रही है, और सियासत की बात ज्यादा हो रही है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश में कृषि व्यवस्था के ढांचे को तहस-नहस करने की कोशिश की जा रही है।
किसानों ने साफ कह दिया कि वे सरकार से बात करने आए हैं और आगे भी आएंगे, लेकिन बात तभी बनेगी जब सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले लेगी।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और अपना फैसला दोहराया कि ‘वह जनवरी के अंत में दिल्ली में किसानों के मुद्दे पर अंतिम भूख हड़ताल करेंगे।’
किसान पहले सरकार की नहीं सुन रहे थे और अब कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे, तो सवाल उठता है कि वे लोकतंत्र में फिर किसकी सुनेंगे?
कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेताओं ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून और किसानों के आंदलोन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा।
कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा। उच्चतम न्यायालय ने कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुये सोमवार को आशंका व्यक्त की कि कृषि कानूनों के खिलाफ यह आन्दोलन अगर ज्यादा लंबा चला तो यह हिंसक हो सकता है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आठवें दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।
दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर पंजाब के 40 वर्षीय एक किसान ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली। मृतक अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रहने वाले थे। शनिवार देर शाम उन्होंने सल्फास खा लिया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़