मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि साजिश करने वाले चाहे देश के अंदर हों या विदेश में, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि कानून में काला क्या है यो कोई तब तो इसे ठीक करने की कोशिश करूं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 6 फरवरी को तीन घंटे का 'चक्का जाम' होगा। यह दिल्ली में नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर हर जगह होगा।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं। दोनों के बीच संसद भवन में हाई लैवल मिटिंग होगी। इस मिटिंग में NSA अजित डोभाल भी मौजूद होंगे।
बीते कुछ घंटों में कुछ इंटरनेशनल सिलेब्रिटीज द्वारा भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए गए हैं। इनमें पॉप स्टार रेहाना से लेकर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग तक शामिल हैं।
करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है।
पुलिस की ओर से कई किसानों और उनके नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने की खबरों के बीच मंगलवार को विवेक तन्खा की अगुवाई में कांग्रेस के कानून विभाग ने इस मामले में कानूनी मदद के लिए टीमों का गठन किया।
वे दिन गए जब किसान नेता किसी सियासी लीडर द्वारा धरनास्थल के मंच पर आने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि किसान नेताओं के साथ बैठक में कृषि मंत्री ने जो सबसे बड़ा प्रस्ताव दिया था वो आज भी है।
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा को लेकर टिकैत और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
किसानों के लोकप्रिय नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे नरेश टिकैत, शक्तिशाली बलियान खाप के प्रमुख हैं और छोटे बेटे, राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता हैं।
एक बात तो बिल्कुल साफ है कि किसान आंदोलन के नेताओं ने देश की जनता का विश्वास खो दिया है। देश के अधिकांश लोग आहत हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि किसानों को धमकाया जा रहा है और जो लोग अन्नदाताओं को तोड़ना चाहते हैं वे देशद्रोही हैं।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले और अन्य इलाकों में भड़की हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की खुफिया विफलता जिम्मेदार है।
किसान आंदोलन की आड़ में 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा करने वाले दंगाइयों के खिलाफ अब देशद्रोह का मुकदमा चलेगा।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत इलाके में पुलिस ने धरना दे रहे किसानों को कथित तौर पर जबरन हटा दिया।
15 गांवों की एक पंचायत ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में राजमार्ग पर डेरा डाले किसानों से 24 घंटे के भीतर सड़क खाली करने को कहा।
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुयी हिंसा के एक दिन बाद सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद होने के बारे में कभी कोई बात नहीं कही।
किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर आई है। दिल्ली-नोएडा से सटे चिल्ल बार्डर को किसानों ने खाली कर दिया है। वहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन खत्म हो चुका है। इससे पहले वहां आंदोलनकारी किसान बैठे हुए थे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा उकसाने वालों की करतूत है, लेकिन इससे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता।
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