अच्छी बारिश तथा बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसे जरूरी सामान का समय से पहले इंतजाम रखने के कारण महामारी की स्थिति के बावजूद भी खेती के रकबे के दायरे में वृद्धि संभव हुई है।
योनो कृषि एप हिंदी व अंग्रेजी के अलावा दस क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है, जिसमें कृषि मंडी व कृषि मित्रा सहित कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। बैंक के लाखों किसान ग्राहक हैं, इनके अलावा भी देश के किसान घर बैठे इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।
इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को फसल को अच्छे से अच्छे दाम पर बेचने के रास्ते बताए जाएंगे और अच्छी पैदावार के लिए विशेषज्ञों की सही सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही किसानों के बैंक खातों में सुबह-सुबह ही धन हस्तांतरण शुरू कर दिया गया। इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई।
सोनू सूद मजबूर किसान की मदद के लिए आगे आए हैं। वह किसान को ट्रैक्टर दे रहे हैं ताकि उनकी बेटी खेत जोतने की जगह पढ़ाई कर सके।
केवीआईसी को 10-15 वर्षों में तैयार होने वाले चंदन के पेड़ों से 50 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जबकि बांस के पेड़ों से तीन साल बाद हर साल चार से पांच लाख रुपए मिलने का अनुमान है।
कृषि व बागवानी क्षेत्र में उत्पादकता में सुधार पर सरकार का फोकस
गन्ना और चीनी उद्योग पर नीति अयोग द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने दो रुपए प्रति किलो की एकमुश्त वृद्धि की सिफारिश की है।
किसान कोरोना वायरस महामारी के बीच लागू लॉकडाउन की वजह से मिल में अपने गन्ने की फसल नहीं बेच सका था।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 मई 2020 को सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को कर्ज की किस्तों के भुगतान से छूट (मोराटोरियम) को तीन महीने बढ़ाने की स्वीकृति दी थी।
यह विपणन की लागत को कम करेगा और किसानों की आय में सुधार करेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड का बकाया रकम चुकाने की छूट 3 महीने और बढ़ी
दोनों कंपनियों के बीच इस गठबंधन से जहां एक तरफ मास्टकार्ड का वैश्विक और स्थानीय अनुभव काम आएगा, वहीं इसमें एयरटेल पेमेंट्स बैंक के वितरण नेटवर्क का लाभ भी मिलेगा।
योजना के तहत किसानों को 4 किस्तों में मिलेंगे 5700 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (MFEs) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना लेकर आई है।
पीएम-किसान योजना के तहत 18,700 करोड़ रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपये रिलीज किए गए हैं।
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में एक किसान ने अपनी फसल के लिए उचित दाम न मिलने पर अपनी पूरी फसल को ही नष्ट कर दिया।
किसानों को यूरिया और पी एण्ड के 21 ग्रेड के उर्वरकों को सस्ती दर पर सुलभ कराने के लिए सब्सिडी
तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले में एक किसान का गुस्सा पुलिसकर्मियों पर फूट पड़ा। उसने सारी सब्जियां, पुलिस की गाड़ी के सामने ही सड़क पर फेंक दी।
राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ऐलान करते हुए बताया कि पंजाब में किसान अपनी फसल लेकर मंडी आ सकेंगे। उन्हें मंडी आने पर कोई रोक का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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