नोएडा में आज कई सड़कों पर रूट डायवर्जन किया गया है। दरअसल किसान अपनी मांगों को लेकर एनटीपीसी सेक्टर–24 पर धरना दे रहे हैं। इसकी वजह से पुलिस ने एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों को इन इलाकों से होकर न जाने की सलाह दी है।
किन्नू की कीमतों में भारी गिरावट की वजह से पंजाब में किसान काफी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें अपनी किन्नू की फसल के लिए छह से 10 रुपये प्रति किलोग्राम का दाम मिल रहा है।
संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में पुलिस ने नीलम नाम की एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। नीलम हरियाणा के जींद की रहने वाली है। अब कुछ किसान संगठनों ने ये ऐलान किया है कि वे नीलम के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे और अगर सरकार ने उसे रिहा नहीं किया तो एक बड़ा फैसला लेंगे।
समस्त बुकिंग की सूची से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारी समिति के समक्ष रखी जाएगी। विभागीय पोर्टल पर ई-लॉटरी के माध्यम से ब्लॉकवार लक्ष्यों के सापेक्ष लाभार्थी का चयन किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में छुट्टा पशुओं की समस्या बढ़ती ही जा रही है और अक्सर इनके द्वारा हमले या फसलों को खराब करने की खबरें सामने आती रहती हैं।
शाजापुर जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों ने कम भाव में उनकी उपज की बोली लगाने को लेकर हंगामा कर दिया। इस दौरान आक्रोशित किसानों ने मंडी गेट पर ताला भी जड़ दिया। इसको लेकर मंडी प्रशासन ने कोतवाली पुलिस को बुलाकर मामले को शांत करवाया। वहीं व्यापारी संघ ने एक व्यक्ति पर शराब पीकर अश्लील गालियां एवं मंडी बंद क
किसानों ने कहा कि गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी को बहुत कम बताया है और राज्य सरकार के कदम को विश्वासघात करार दिया। किसानों ने इसे 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी।
ड्रोन और उसके सामान की कुल लागत लगभग 10 लाख रुपये है। लागत का करीब 80 प्रतिशत या आठ लाख रुपये तक केंद्र द्वारा प्रदान किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ड्रोन पायलट को 15,000 रुपये और सह-पायलट को करीब 10,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।
किसान प्रतिनिधियों ने पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां से मुलाकात कर अपनी मांगें उनके सामने रखी। किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं।
महाराष्ट्र के कई इलाकों में हो रही बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। यहां खेतों में खड़ी फसलों से लेकर फल और सब्जियां तक बर्बाद हो गई हैं। वहीं विपक्ष ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
किसानों के महापड़ाव के दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हरियाणा पहुंचे और किसानों को अपना समर्थन दिया। उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार पर हमला किया और साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी। प्रदर्शन कर रहे किसान कल हजारों की संख्या में राज्यपाल भवन की तरफ कूच करेंगे।
कुछ माह से प्लांट के अदंर से काला, गंदा और ऑयल युक्त पानी निकलकर खेतों तक जा रहा है, जिससे खड़ी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।
प्रदर्शनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि वे लंबी यात्रा के लिए तैयार होकर आए हैं। उनमें से कई लोग अपने ट्रैक्टर-ट्रेलरों पर सब्जियां, आटे और दाल की बोरियां और खाना पकाने का तेल साथ लाए।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया। सीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें शुभ समाचार सुनाया जाएगा।
चक्का जाम आंदोलन के निर्णय से हड़बड़ाए जिला प्रशासन और पुलिस ने कल रात से ही स्वाभिमानी किसान संगठन के प्रमुख कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी। फिर भी तकरीबन 10 हजार से ज्यादा किसानों और कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे रोक दिया।
राज्य सरकार किसानों सहित सहकारी क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के कल्याण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। विभाग किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) रखने वाले किसानों को ब्याज मुक्त, अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया में है।
पंजाब के किसानों का कहना है कि पराली जलाना उनका शौक नहीं है, बल्कि वो ऐसा करने के लिए मजबूर है। पंजाब में पराली को जलने से रोक पाने में सरकार असफल हुई है। एक किसान ने कहा कि सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए।
पंजाब के बठिंडा जिले में किसानों के एक समूह ने एक सरकारी अधिकारी से जबरन एक खेत में पड़ी पराली जलवाई। ये अफसर आग लगाने से रोकने वाली टीम का हिस्सा था और गांव में किसानों को पराली ना जलाने के लिए रोकने गया था। इस वीडियो को पंजाब सीएम भगवंत मान ने शेयर किया है।
गांवों में बिजली कटना आम बात है। लेकिन कर्नाटक के एक गांव में बार-बार बिजली कटने से किसान कुछ इस कदर परेशान हुए कि वो मगरमच्छ लेकर बिजली विभाग के दफ्तर में पहुंच गए। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इंसेंटिव का मकसद मेरा पानी-मेरी विरासत योजना (Mera Paani-Meri Virasat Scheme) के तहत सरकारी किसानों को मक्का, कपास, बाजरा, दालें, मसाले और फल के साथ ऑप्शनल कारोबार शुरू करने के लिए धान
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