किसान अपनी मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। अंबाला मंडल में रेल रुकने से अब तक 788 ट्रेन प्रभावित हुई हैं। इस वजह से लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई ट्रेनों का रूट अब अंबाला की बजाय चंडीगढ़ कर दिया गया है।
रेलवे अधिकारी के अनुसार किसान आंदोलन की वजह से अब तक 500 ट्रेनें प्रभावित हो सकी हैं। 230 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं और 85 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। वहीं, 22 ट्रेनें ऐसी हैं, जिन्हें आधे रास्ते रद्द किया गया या उनका रूट छोटा कर दिया गया।
कर्नाटक से दिल्ली जा रहे किसानों को भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतारा गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये किसान अयोध्या जाने का कहकर ट्रेन में बैठे थे।
इंदौर में किसानों ने एमएसपी को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने व्यापारियों पर आरोप लगाया कि व्यापारी गेहूं की सरकारी खरीद से कम दाम पर गेंहू खरीद रहे हैं। जिसके बाद किसानों ने करीब 2 घंटे कर जमकर हंगामा काटा।
Delhi News: किसानों के कुछ समूहों ने दिल्ली में आने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जंतर-मंतर पर जा रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थकों को भी गाजीपुर बार्डर पार करते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
Farmers Protest: पंजाब सरकार ने उन 789 किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है, जिनकी मौत कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान हो गई थी।
बंधक बनाए गए अधिकारियों में एक नायब तहसीलदार और कुछ पटवारी शामिल थे। ये किसान पिंक बॉलवर्म प्रजाति के कीटों से कपास की फसल को हुए नुकसान को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे थे।
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं- सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
सरकार ने किसान नेताओं से नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को बिंदुवार तरीके से सामने लाने को कहा है ताकि गुरुवार को होने वाली दूसरे दौर की बैठक में सरकार द्वारा एक-एक क्लॉज पर विचार किया जा सके।
तीन केन्द्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया।
भारतीय किसान यूनियन ने अमित शाह की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गृह मंत्री ने सशर्त जल्दी मिलने की बात कही है जो कि ठीक नहीं है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपील की है कि वे गृह मंत्री अमित शाह की बात मान लें, और बताई गई जगह पर जाकर प्रदर्शन करें।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर पर किसानों के साथ बर्बर व्यवहार करने का आरोप लगाया।
किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच आप भी जानिए आखिर नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच टकराव की स्थिति क्यों बनी हुई है।
किसानों और किसान संगठनों को बिचौलियों से दूर रहना चाहिए और उन्हें सीधे सरकार से बात करके सबके भले का रास्ता निकालना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार किसानों के मुद्दों पर ध्यान नहीं देती है तो वह गुजरात में आंदोलन करेंगे।
किसानों के एक जून से होने वाले आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज पत्रकारों के सवालों पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए...
चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठनों से जुड़े किसान नेता इकट्ठे हुए और एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट देवेंद्र शर्मा की अगुवाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐलान किया गया है।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े अल्पकालिक फसली ऋण लेने वाले 28 लाख से अधिक किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ करने की योजना लागू कर दी गई है।
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