इंडिया टीवी से बातचीत पर बोले कांग्रेस नेता तारिक अनवर मोदी सरकार को नए कानूनों पर अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए
कृषि कानूनों के खिलाफ आज देशभर के किसान भूख हड़ताल पर हैं. इस बीच बैठकों का दौर भी जारी है, सोमवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मुलाकात की
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मैं किसानों से अपील करता हूं कि आगे आएं और मुद्दों पर चर्चा करें। हम चाहते हैं कि फसल बेचने के लिए किसानों के पास कई विकल्प हों।
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद दुष्यंत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र और किसान संगठनों के बीच आपसी सहमति है और हम इस मुद्दे को बातचीत से हल कर सकते हैं.
किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो हम दिल्ली की सभी सड़कों को एक के बाद एक बंद करेंगे। सरकार अगर दूसरा प्रस्ताव भेजे तो हम विचार कर सकते हैं।
ये किसान विरोधी बिल है। पीएम ने कहा था किसान के हित में है तो फिर किसान विरोध में क्यों है? बिल का मक़सद मोदी जी के मित्रों को फ़ायदा पहुँचाना है। कोई किसानों के ताकत के सामने खडा नहीं हो सकता है।
सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं को कृषि कानूनों पर भारत सरकार का प्रस्ताव मिला। इसपर मंजीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ''हम प्रस्ताव को पढ़ेंगे, फिर इस पर चर्चा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। प्रस्ताव लगभग 20 पन्नों का है।''
किसानों द्वारा किये गए और विपक्षियों द्वारा समर्थित भारत बंद लखनऊ में कुछ ख़ास असर नहीं दिखा पाया। लोगो ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश देते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। रेलवे ने भी अपने कर्मियों को यह कहते हुए सतर्कता बरतने को कहा कि प्रदर्शनकारी रेल अवरोधों का आयोजन कर सकते हैं।
हालांकि किसानों के 'दिल्ली चलो' के विरोध का हिस्सा शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन इससे इन दोनों क्षेत्रों में यातायात की आवाजाही प्रभावित हुई है। दिल्ली पुलिस के सिंघू और टिकरी की सीमाओं को बंद रखने के साथ ही वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं।
क्या विपक्ष किसानों के विरोध का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है? देखिए खास शो
नए कृषि कानूनों से किसानों को कैसे फायदा हुआ, यहां देखें
1 दिसंबर को हुई मीटिंग के बाद आज एक बार फिर सरकार और किसान नेता डायलॉग टेबल पर है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की कृषि कानूनों पर किसान नेताओं के साथ बैठक शुरू हो गई है।
केंद्र सरकार से किसान प्रतिनिधियों की बातचीत से ठीक पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
आज किसानों और सरकार के बीच होनेवाली बातचीत से पहले किसानों ने सरकार के सामने अपनी 6 बड़ी मांगें रखी हैं। इंडिया टीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इनमें पहली और सबसे बड़ी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दे।
आज किसानों और सरकार के बीच होनेवाली बातचीत से पहले किसानों ने सरकार के सामने अपनी 6 बड़ी मांगें रखी हैं। 1 दिसंबर को हुई मीटिंग के बाद आज एक बार फिर सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत होगी।
किसान अपनी मांगों को लेकर आज भी दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों के जमावड़े की वहज से बॉर्डर के अधिकांश प्वाइंट पर ट्रैफिक का हाल बेहद बुरा है। कई जगहों पर ट्रैफिक पूरी तरह से बंद कर दिया गया है जबकि कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है।
आठ दिन से दिल्ली के बॉर्डर जाम कर बैठे किसानों का आंदोलन क्या आज खत्म होगा? क्या किसानों और सरकार के बीच आज बात बन जाएगी... हर किसी की नजर आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बातचीत पर लगी है।
1 दिसंबर को हुई मीटिंग के बाद आज एक बार फिर सरकार और किसान नेता डायलॉग टेबल पर होंगे। दोपहर 12 बजे सरकार और किसान नेताओं की बैठक होगी।
नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बुधवार (2 दिसंबर) को कहा कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करे। किसान नेताओं ने कहा कि छोटी समिति बनाने का मकसद आंदोलन को लटकाना है, सरकार किसानों को बांटना चाहती है।
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