कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता शुरू हो गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल बैठक में मौजूद हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट में देखिए कैसे किसान आंदोलन की आड़ में लेफ्ट तबका कर रहा है राजनीति
नए साल में सरकार से लेकर किसान सभी यही उम्मीद कर रहे हैं कि किसानों की इन मांगों का सर्वमान्य हल निकले। इस सिलसिले में आज शनिवार को किसान संगठनों की अहम बैठक होने जा रही है। इस मीटिंग में किसान संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बातचीत के लिए दी गई नई पेशकश पर चर्चा करेंगे।
सरकार के पत्र और प्रधानमंत्री के भाषण पर कुंडली, सिंघु बॉर्डर पर 26 दिसबंर को दोपहर 2 बजे सयुंक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आयोजित की जाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की और 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कृषि कानूनों के मुद्दे पर उनके हस्तक्षेप की मांग की गई।
सरकार में मंत्री अलग-अलग शहरों में जाकर किसानों से कृषि कानून पर बात करेंगे | गृहमंत्री अमित शाह जहां दिल्ली में किसानों से संवाद करेंगे वहीं स्मृति ईरानी अमेठी, रविशंकर प्रसाद पटना में तो नितिन गडकरी असं के सिलचर में किसान के बीच रहेंगे और उन्हें क
दिल्ली की सीमा पर किसानों का विरोध 26 वें दिन भी जारी रहा। सरकार ने फिर से कृषि कानूनों पर चर्चा में शामिल होने के लिए किसान यूनियन को आमंत्रित किया, जिस पर सरकार को प्रदर्शन कर रहे किसाओं की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है |
पीएम मोदी ने दिल्ली के पास बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने वाले कृषि कानूनों का दृढ़ता से बचाव करते हुए कहा कि आज वह किसानों के साथ हर मुद्दे पर चर्चा करने और उनके डर को दूर करने के लिए तैयार हैं।
पीएम मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती
किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज हम जो पहली और एकमात्र चीज तय करेंगे, वो किसानों के विरोध प्रदर्शन और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर है। कानूनों की वैधता का सवाल इंतजार कर सकता है।
बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सुप्रीम कोर्ट में आज किसानों को बॉर्डर से हटाने की याचिका पर सुनवाई होनी है। भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने बताया, "अभी तक हमें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस नहीं आया है।"
किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली। बाबा राम सिंह सिख समुदाय के बड़े संत थे।
बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’
बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’
दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली आने जाने वालों के लिए परेशानी बढ़ गई है। आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर से चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया है। दिल्ली से नोएडा आने के लिए चिल्ला बॉर्डर मुख्य रास्ता है।
दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली आने जाने वालों के लिए परेशानी बढ़ गई है। आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर से चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया है। दिल्ली से नोएडा आने के लिए चिल्ला बॉर्डर मुख्य रास्ता है।
दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली आने जाने वालों के लिए परेशानी बढ़ गई है। आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर से चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया है। दिल्ली से नोएडा आने के लिए चिल्ला बॉर्डर मुख्य रास्ता है।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर बीते 20 दिनों से डेरा डाले प्रदर्शनकारियों के लिए आज अहम दिन है। दिल्ली के बॉर्डर जाम करने से पैदा हुई मुश्किलों के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं।
संपादक की पसंद