एक रैली के दौरान पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह किसान यूनियनों पर जमकर बरसे, कहा-जो करना दिल्ली में करो राज्य में नहीं
मुख्यमंत्री ने शुरू में कृषि अध्यादेशों का समर्थन करने और बाद में किसानों के आक्रोश का सामना करने के बाद इस मुद्दे पर यू-टर्न लेने के लिए बादल परिवार की निंदा की।
हरियाणा के करनाल में किसानों और सरकार के बीच चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद सहति बन गई है।
करनाल में किसानों का धरना आज खत्म हो सकता है। थोड़ी देर में करनाल प्रशासन और किसान नेताओं की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है। माना जा रहा है कि किसानों और प्रशासन के बीच समाधान निकलने की संभावना है।
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जिस तरह किसान बैठे हुए है, उसी तरह किसानों ने करनाल के लघु सचिवालय के बाहर अपना डेरा जमा लिया है।
वीरेन्द्र सिंह मस्त का यह बयान ऐसे समय आया है जब नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन करके नए कानूनों को वापस लेने की मांग और बुलंद की थी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर एक फोटो ट्वीट की थी जिस पर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ये फोटो सही नहीं है।
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की ‘महापंचायत’ के बाद सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि ‘भारत का भाग्य विधाता’ डटा हुआ है और निडर है।
राकेश टिकैत ने कहा कि हम यूपी की जनता से अपनी बात कहेंगे। हम जनता को अपनी मुद्दे बताएंगे। हम ये बताएंगे कि देश बिक रहा है। हम जनता के बीच में जाएंगे, इस तरह की मीटिंग्स करेंगे।
किसान महापंचायत का एजेंडा पूरी तरह से साफ हो गया है। इस महापंचायत में शामिल लेफ्ट नेता हन्नान मुल्ला ने कहा है कि उनका मकसद मोदी और योगी सरकार को हराना है।
किसान महापंचायत से पहले बीकेयू के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है। उन्होंने कहा कि देश बिक रहा है, ऐसे में उसे बचाने की रणनीति पर आज चर्चा होगी।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानून, गन्ना समर्थन मूल्य और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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राकेश टिकैत ने किसानों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज को लेकर कहा कि जिसने सिर फोड़ने का आदेश दिया वो तालिबान कमांडर है और पुलिस की ताकत से सरकार इस देश पर कब्जा करना चाहती है।
खट्टर ने कहा, ‘‘अगर उन्हें विरोध प्रदर्शन ही करना था तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती। पहले उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया था। लेकिन अगर वे पुलिस पर पथराव करेंगे, राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।’’
मिश्र ने बलिया जिले के नगरा क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से कोई भी केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर संजीदा नहीं रही है और किसी ने भी किसानों की नहीं सुनी।
गन्ने के ज्यादा सरकारी भाव की मांग में किसानों ने जालंधर कैंट के पास चेहरू स्टेशन पर 20 अगस्त से ट्रैक पर धरना दिया हुआ है, धरने की वजह से 20 अगस्त को 13, 21 अगस्त को 61, 22 अगस्त को 59 तथा 23 अगस्त को 65 गाड़ियां रद्द कर दी गई थी।
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राकेश टिकैट ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे।
किसान कानूनों के विरोध में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। राहुल गांधी ने खुद ट्रैक्टर चलाया और ट्रैक्टर लेकर संसद भवन पहुंचे।
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