सरकार में मंत्री अलग-अलग शहरों में जाकर किसानों से कृषि कानून पर बात करेंगे | गृहमंत्री अमित शाह जहां दिल्ली में किसानों से संवाद करेंगे वहीं स्मृति ईरानी अमेठी, रविशंकर प्रसाद पटना में तो नितिन गडकरी असं के सिलचर में किसान के बीच रहेंगे और उन्हें क
सरकार ने किसानों के सारे मसलों के समाधान के लिए नौ दिसंबर को ही किसान संगठनों को प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसान नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद से लगातार दोनों पक्षों की तरफ से कहा जा रहा है कि समाधान के रास्ते तलाशने के लिए वे अगले दौर की वार्ता के लिए तैयार हैं।
Kisan Andolan: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस नेताओं के राष्ट्रपति भवन तक प्रस्तावित मार्च से पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘कृषि विरोधी कानूनों’ के खिलाफ सत्याग्रह में सबको अन्नदाताओं का साथ देना होगा।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन जारी है और सरकार से अगले दौर की वार्ता को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेता फैसला ले सकते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन जारी है और सरकार से अगले दौर की वार्ता को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेता फैसला ले सकते हैं।
आज देश देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर किसान दिवस मना रहा है। वहीं दूसरी ओर किसान दिल्ली की सीमाओं पर कृषि बिल के खिलाफ डेरा डाले खड़े हुए हैं। सरकार लाख कोशिश कर चुकी है लेकिन किसान टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद से पास कराए गए कृषि विधेयक के खिलाफ देशभर में किसान संगठन और विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे। इस बीच पटना में जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख पप्पू यादव और उनके समर्थक सड़कों पर उतरे।
इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबर के दिन का संबंध तमाम उतार-चढ़ावों से है, लेकिन भारत में इस दिन को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। दरअसल इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था |
इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबर के दिन का संबंध तमाम उतार-चढ़ावों से है, लेकिन भारत में इस दिन को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। दरअसल इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था...
कैट ने सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया है कि व्यापारियों एवं अन्य लोगों की परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख निश्चित करे।
अनाज खरीद की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को देखा जाए तो कुल गेहूं उत्पादन का केवल 25 से 35 प्रतिशत की ही खरीदी होती रही है।
दिल्ली की सीमा पर किसानों का विरोध 26 वें दिन भी जारी रहा। सरकार ने फिर से कृषि कानूनों पर चर्चा में शामिल होने के लिए किसान यूनियन को आमंत्रित किया, जिस पर सरकार को प्रदर्शन कर रहे किसाओं की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है |
Kisan Andolan: केंद्र सरकार ने एकबार फिर से किसान संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए किसान संगठनों से तारीख तय करने के लिए कहा है।
यूपी वेस्ट में किसान कानूनों के समर्थन आज हजारों किसान ट्रैक्टर लेकर सड़क पर उतर गए हैं। मेरठ से गाजियाबाद तक ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है। इस रैली में 20 हजार से ज्यादा किसान शामिल हो रहे हैं।
Kisan Andolan: किसान नेता वीएम सिंह ने अधिकारियों को बताया कि, जो किसान टोपी, बिल्ला और हाथों में झंडे लेकर आ रहें हैं उनको धरने पर शामिल होने नहीं दिया जा रहा। उन्हें जिले के विभिन्न बॉर्डर पर रोका जा रहा है।
किसान संवाद कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जमीनी लेवल पर काम करना भी शुरू कर दिया है। शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने किसान संवाद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
Kisan Andolan: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों से कृषि सुधारों को रेखांकित करती अपनी सरकार द्वारा जारी की गई ई-पुस्तिका पढ़ने और उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का आग्रह किया। सरकार ने अंग्रेजी और हिंदी में ई-पुस्तिका जारी की है जो सितंबर में लागू किए गए सुधारों से फायदा उठाने वाले किसानों की सफलता को रेखांकित करती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, "मैंने राजनीति में जो कुछ भी हासिल किया है वह संभव नहीं हो पाता यदि मैं सर छोटू राम का पोता नहीं होता।"
Kisan Andolan: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार को नववर्ष से पहले किसानों के मुद्दे का समाधान हो जाने की उम्मीद है और उसने गतिरोध दूर करने के लिए किसानों के विभिन्न संगठनों के साथ अपनी अनौपचारिक वार्ता जारी रखी है।
पीएम मोदी ने दिल्ली के पास बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने वाले कृषि कानूनों का दृढ़ता से बचाव करते हुए कहा कि आज वह किसानों के साथ हर मुद्दे पर चर्चा करने और उनके डर को दूर करने के लिए तैयार हैं।
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