किसान नेताओं और मंत्रियों को आठवीं बार - खेत कानूनों पर बातचीत के लिए, ट्रैक्टर रैली को एक दिन पहले बल के एक शो के रूप में देखा जा रहा है |
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 43वें दिन भी जारी है। किसानों और सरकार के बीच अभी तक इस मसले पर कोई हल नहीं निकल सका है। विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के बीच तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्र से जानना चाहा कि क्या वे कोरोना संक्रमण के प्रसार से सुरक्षित हैं।
Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। पहले हम 9 बजे डासना से अलीगढ़ वाले रुट तक जाएंगे, दूसरा जत्था नोएडा से पलवल तक जाएगा। सरकार को सांकेतिक संदेश दे रहे हैं कि हमारी बात सुनी जाए।"
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए अगला सप्ताह महत्वपूर्ण होने जा रहा हैं।
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
तीन कृषि विधानों के निरस्त होने के गतिरोध को तोड़ने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी के लिए यह इस वर्ष की पहली बैठक है।
Kisan Andolan: दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि अगर सरकार तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे तथा दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की मुश्किलें रातभर हुई बारिश ने बढ़ा दीं। लगातार बारिश होने से आंदोलन स्थलों पर जलजमाव हो गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को किसान आंदोलन पर सरकार की जमकर खिंचाई की। राहुल गांधी ने आंदोलनकारी किसानों की तुलना 'सत्याग्रहियों' से की और कहा कि किसान सरकार से अपना हक लेकर रहेंगे।
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में सर्दी के ये सख्त तेवर आने वाले एक हफ्ते और जारी रहेंगे। वहीं बीते 37 दिनों से किसान कृषि कानूनों के विरोध के लिए दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान टस से मस होने को तैयार नहीं हैं।
किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि 26 जनवरी तक हमारे दिल्ली में डेरा डालने के दो महीने पूरे हो जाएंगे। हमने इस निर्णायक कदम के लिए गणतंत्र दिवस को चुना क्योंकि यह दिन हमारे देश में गण यानी बहुसंख्यक किसानों की सर्वोच्च सत्ता का प्रतीक है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की 'लंच डिप्लोमेसी' ने बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघला दी। यही वजह रही कि अब तक विज्ञान भवन में बेनतीजा साबित हुईं पांच बैठकों से यह बैठक काफी अलग रही।
कुरुक्षेत्र : सरकार ने किसानों से कहा- कृषि कानूनों पर बनाई जा सकती है कमेटी
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता शुरू हो गई है।
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता शुरू हो गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल बैठक में मौजूद हैं।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी।
पंजाब में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा राज्य में निजी कंपनियों के मोबाइल टावर पर फूटा है।
प्रियंका गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर किसान आंदोलन को लेकर बड़ा हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार को किसानों की आवाज़ सुननी चाहिए। ये कहना कि ये राजनीतिक साजिश है ये एकदम गलत है।
नए कृषि कानून को भारतीय जनता पार्टी किसानों के लिए हितकारी बता रही है। अब भाजपा के अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी पर इस मसले पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी का एक पुराना वीडियो ट्वीट किया है।
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