तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में कानून निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, न कि अदालतों द्वारा।
किसानों के ये संगठन केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों पर जान्हवी कपूर की राय मांग रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, उससे हम निराश हैं। विभिन्न राज्य इस क़ानून के ख़िलाफ़ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कानून पर रोक लगा सकते हैं।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में 3 जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर 10 याचिकाएं दायर की गई हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह क्षेत्र करनाल में रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और पानी की बौछारें करनी पड़ी।
काले झंडे लेकर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा रोकने के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस को उन्हें रोकने के लिए न सिर्फ आंसू गैस के गोले दागने पड़े बल्कि वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
यदि आप नोएडा या गाजियाबाद में रहते हैं और रविवार को दिल्ली जाने का प्लान है तो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी आप ही के लिए है।
Kisan Andolan:किसान संगठनों के इस आंदोलन को 40 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदन दिलावर ने इस आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने ‘स्वभाविक रूप से’ पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे किसानों के प्रदर्शन के बारे में नियमित रूप से नवीनतम खुफिया जानकारी देने का निर्देश दिया था।
सूत्रों ने बताया कि इस बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संभवत: गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, "मुझे उम्मीद है कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में किसी समाधान तक पहुंचा जा सकेगा। प्रदर्शन कर रही किसान यूनियनों ने पहली बैठक में उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की होती तो अभी तक तो हम गतिरोध को समाप्त कर चुके होते।"
किसान नेताओं और मंत्रियों को आठवीं बार - खेत कानूनों पर बातचीत के लिए, ट्रैक्टर रैली को एक दिन पहले बल के एक शो के रूप में देखा जा रहा है |
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 43वें दिन भी जारी है। किसानों और सरकार के बीच अभी तक इस मसले पर कोई हल नहीं निकल सका है। विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के बीच तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्र से जानना चाहा कि क्या वे कोरोना संक्रमण के प्रसार से सुरक्षित हैं।
Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। पहले हम 9 बजे डासना से अलीगढ़ वाले रुट तक जाएंगे, दूसरा जत्था नोएडा से पलवल तक जाएगा। सरकार को सांकेतिक संदेश दे रहे हैं कि हमारी बात सुनी जाए।"
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए अगला सप्ताह महत्वपूर्ण होने जा रहा हैं।
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
तीन कृषि विधानों के निरस्त होने के गतिरोध को तोड़ने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी के लिए यह इस वर्ष की पहली बैठक है।
Kisan Andolan: दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि अगर सरकार तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे तथा दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की मुश्किलें रातभर हुई बारिश ने बढ़ा दीं। लगातार बारिश होने से आंदोलन स्थलों पर जलजमाव हो गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को किसान आंदोलन पर सरकार की जमकर खिंचाई की। राहुल गांधी ने आंदोलनकारी किसानों की तुलना 'सत्याग्रहियों' से की और कहा कि किसान सरकार से अपना हक लेकर रहेंगे।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़