टिकैत ने एक बयान में कहा, ''करीब 25,000 ट्रैक्टर यहां पहुंचेंगे और गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के साथ ही अन्य जिलों में भी किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी।''
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ट्रैक्टर रैली में 'खूनी प्लान'.. मास्टरमाइंड Expose, देखिए सिंधु कांड की फुल इंवेस्टीगेशन
विज्ञान भवन में शुक्रवार को हुई 11वें दौर की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं पर बातचीत के सिद्धांतों का पालन न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब किसी मुद्दे पर दो पक्षों में बातचीत चल रही हो, तब नए-नए तरह के आंदोलनों के ऐलान से बचना चाहिए।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसानों-सरकार के बीच विज्ञान भवन में चल रही 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा खत्म हो गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने सबसे बेहतर प्रस्ताव दे दिया है। वहीं अगली बैठक की कोई तारीख तय नहीं की गई है।
गुरुवार को किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन संबंधी केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव पर सिंघू बॉर्डर पर एक मैराथन बैठक में यह फैसला लिया।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, "किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।"
हरियाणा पुलिस के आदेश के अनुसार, "राज्य में किसान आंदोलन को देखते हुए आपातकालीन अवकाश को छोड़कर सभी छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द की जाती हैं।"
शुरुआत किसान आंदोलन से जिसमें कल तक सरकार के साथ सुलह का रास्ता निकलता दिख रहा था, लेकिन आज सरकार के साथ 11वें दौर की बातचीत से ठीक पहले एक बार फिर दोनों पक्षों में गतिरोध बढ़ गया है
आंदोलनरत किसानों ने दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है लेकिन पंजाब के संगरूर के तीन दोस्तों ने इस अवसर पर ट्रैक्टर की बजाय कार पर किसानों के समर्थन में पोस्टर लगाकर रैली में शामिल होने का निर्णय लिया है।
आंदोलनकारी किसानों ने गुरुवार को 18 महीने के लिए तीन कृषि कानूनों को निलंबित करने के लिए मोदी सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया और 58 दिनों के विरोध प्रदर्शन की समाप्ति की आशा करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दिया।
बैठक के बाद क्रांतिकारी किसान संघ के नेता दर्शन पाल ने बताया कि सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हमने भी स्पष्ट कर दिया है कि हम वहां पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। केंद्र सरकार के साथ कल की मीटिंग के बाद हम पुलिस के साथ एकबार फिर से मीटिंग करेंगे।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने धुले हुए कपड़ों को तेजी से सुखाने के लिए इस्त्री करने की व्यवस्था शुरू की है।
एक तरफ किसानों और सरकार की आज बातचीत होगी.. वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर रैली पर आज सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई है।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा के आरोप नहीं हो सकते नहीं बल्कि एक व्यक्ति के हैं। ये हैं कक्का जी (शिवकुमार सिंह) के आरोप जो खुद आरएसएस के एजेंट हैं। वे लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा राष्ट्रीय किसान संघ के प्रमुख रहे हैं।
Tractor Rally: रविवार को लुधियाना से बड़ी तादाद में किसानों ने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की तरफ कूच की। समूह में शामिल एक किसान ने कहा कि हम आने वाले 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘ये तीनों कानून किसानों की मदद करने के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें खत्म करने के लिए हैं। सरकार कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है।’’
बीकेयू के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, जो कि कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के चार सदस्यों में से एक थे, ने गुरुवार को कहा कि वह खुद को पैनल से हटा रहे हैं।
किसान आंदोलन का हल निकालने के लिए बनाई सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने नाम वापस ले लिया है। भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 12 जनवरी को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी बनाई थी।
पंजाब के बस्सी पठाना में एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर फिल्म ‘गुड लक जेरी’ की शूटिंग कर रही थी। इसी दौरान किसानों का एक समूह वहां जमा हो गया और कलाकारों से समर्थन की मांग करने लगा।
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