26 जनवरी को दिल्ली में जो हुआ वो गणतंत्र के 72 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। देश की शान के प्रतीक लाल किले पर दंगाइयों ने जो हिंसा और तोड़फोड़ की। वो लोकतंत्र का अपमान और संविधान पर हमला है।
दिल्ली दंगों के एक दिन बाद अब पुलिस एक्शन में आ गई है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दंगा करने वाले 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मी मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि मिंटो रोड से कनॉट प्लेस की तरफ जाने वाले मार्ग तथा आईटीओ से इंडिया गेट की ओर जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है।
किसानों के रूप में दंगाईयों ने आईटीओ से लेकर लालकिले तक जमकर हिंसा फैलाई।
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया है। ये वीडियो 21 जनवरी का है।
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के पीछे पंजाब के एक्टर और सिंगर दीप सिद्धू का नाम अभिनेता सनी देओल से जोड़े जाने पर उनका बयान सामने आया है।
दिल्ली में दंगों को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर दुख जताया है।
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल बच्चों सहित करीब 200 कलाकार मंगलवार को लाल किले के पास उस समय फंस गए जब ट्रैक्टर परेड में शामिल किसान हिंसक हो गए और अवरोधकों को तोड़ कर प्रदर्शनकारी मुगल स्मारक में घुस गए।
गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे अभिनेता दीप सिद्धू ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के कृत्य का यह कह कर बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था।
राकेश टिकैत ने इस पूरे उपद्रव का ठीकरा राजनीतिक दलों पर फोड़ा है।
प्रदर्शनकारी तय रूट छोड़कर सेंट्रेल दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लालकिले पर भी पहुंच गए हैं। इन्होंने यहां पर लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर अपना झंडा फहरा दिया है।
दिल्ली की सड़कों पर फिलहाल उपद्रव का माहौल है। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की सीमाओं से लेकर सेंट्रल दिल्ली अराजकता का माहौल दिख रहा है।
दिल्ली: प्रदर्शनकारी किसानों ने आईटीओ इलाके में पुलिसकर्मियों पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़-फोड़ की।
तमाम सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए किसान राजपथ से चंद किलोमीटर दूर आईटीओ तक भी पहुंच गए।
इस रैली के शांतिपूर्ण होने के कल तक तमाम वादे करने वाले किसान नेता पीछे हैं, हुड़दंग कर रहे प्रदर्शनकारी आगे-आगे चल रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर से किसानों का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ रहे राकेश टिकैत ने हिंसा के सवाल पर कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
कृषि किसानों का विरोध कर रहे किसान संगठन आज राजधानी नई दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। ट्रैक्टर रैली में कई जगहों पर बवाल हो गया है। किसान कई जगहों पर पहले से तय रूट के बजाय दूसरे रूट पर जाने के लिए अड़ गए हैं, जिसके बाद हंगामा हो गया है।
दिल्ली में किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति तो सरकार ने दे दी है, लेकिन अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
दिल्ली के बॉर्डर पर करीब 3 महीनों से किसान डेरा डाले हैं। अब किसान आंदोलन की आग पंजाब हरियाणा, दिल्ली से होते हुए महाराष्ट्र तक पहुंच चुकी है।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि हमें लगता है कि ट्रैक्टर रैली के लिए हमें जिस तरह की अनुमति दी गई है वह सही नहीं है। हम ओल्ड रिंग रोड पर जाना चाहते थे, लेकिन हमें सशर्त अनुमति दी गई और उस हिस्से की अनुमति दी गई है जो बड़े पैमाने पर हरियाणा के अंतर्गत आता है।
पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पनू ने सिंघू बार्डर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए बहुत सारे किसान दिल्ली आ रहे हैं। हम दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर रैली निकालेंगे।
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