दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन को किसान एक मजबूत धार देने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि किसान लगातार नई-नई रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी किसानों ने कई रणनीति बनाई ताकि सरकार पर दबाब डाला जा सके, लेकिन इन सबके बावजूद सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। ऐसे में किसान होली भी बॉर्डर पर ही मनाएंगे, इसके लिए किसानों की तरफ से तमाम तैयारियां की जा चुकीं है।
सरकार और यूनियनों के बीच इन कानूनों को लेकर 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी दौर की वार्ता 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद बातचीत का सिलसिला टूट गया था। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि इन कानूनों से राज्यों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।
भाजपा विधायक पर हुए हमले के बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने भाजपा विधायक पर हुए हमले की निंदा की है। सुनील जाखड़ ने कहा कि विधायक अरुण नारंग के साथ हुए गैरकानूनी व्यवहार का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि यदि एक अप्रैल से शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान किसानों को उनकी फसलों की खरीद के लिए भुगतान किये जाने में देर की जाती है तो उन्हें नौ प्रतिशत की ब्याज का भी भुगतान किया जायेगा।
Kisan Andolan: उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमें जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं हुए। जब आपसे कहा जाएगा तब आपको दिल्ली जाना होगा और फिर से बैरिकेड तोड़ने होंगे।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसानों का धरना 85वें दिन भी जारी रहा और किसानों ने निर्णय किया कि अब हर रोज एक गांव से ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक टेंट में शनिवार सुबह 10 बजे अचानक आग लग गई।
मायवती ने कहा कि जिन किसानों की इस आंदोलन में मृत्यु हुई है उनके परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों को उचित आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
हरियाणा के एक 55 वर्षीय किसान ने रविवार को टिकरी-बहादुरगढ़ सीमा पर आत्महत्या कर ली है। पुलिस के मुताबिक, हिसार जिले के राजबीर के रूप में पहचाने गए पीड़ित ने पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसानों की तरफ से ये भी कहा जा रहा है कि जिन बॉर्डर्स से जो टोल प्लाजा नजदीक होगा उसे भी ब्लॉक कर दिया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के उत्तरप्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने IANS को बताया कि, "किसान यहां से डासना टोल की ओर कूच करेंगे, लेकिन हरियाणा यूपी में जितने भी टोल पड़ेंगे, जैसे की दुहाई, कासना, नोएडा आदि सब पर किसान रहेंगे और जाम किया जाएगा।"
इस पूरे मसले पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने IANS से कहा, "किसान आंदोलन की वजह से हाईवे के प्रोजेक्ट्स भी रुके हुए हैं, वहीं कुछ साइन बोर्डस और कैमरे लगाने बाकी हैं, वहीं कुछ न्यू एडवांस टेक्नोलॉजी लगानी थी, ये सब काम रुके पड़े हैं।"
डेयरी सेक्टर का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने डेयरी सेक्टर को ही देखें तो आज वह इतना मजबूत इसलिए है क्योंकि इतने दशकों में उसने प्रोसेसिंग का विस्तार किया है। आज हमें कृषि के हर सेक्टर में प्रोसेसिंग पर सबसे ज़्यादा ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत इन सभी महापंचायतों में शामिल होंगे। आज रविवार 28 फरवरी को यूपी के सहारनपुर में होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे, वहीं 1 मार्च को उधमसिंह नगर के रुद्रपुर की महापंचायत में शिरकत करेंगे। 2 मार्च को राजस्थान के झुंझनू में, 3 मार्च को राजस्थान के ही नागौर में महापंचायत होगी। इसके बाद 5 मार्च को यूपी के इटावा स्थित सैफई तो 6 मार्च को तेलंगाना में आयोजित कार्यक्रम में राकेश टिकैत शामिल होंगे।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गुरुवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि "हमारी लड़ाई जमीन बचाने की है और सरकार में कोई सुनवाई नहीं हो रही तो रामलला से गुहार लगाने आए हैं।"
संजीव बालियान ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत कर कहा, "भैसांवल में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से जुड़े परिवार के 10-12 लोगों ने मुझसे बदसलूकी की। सोरम में एक कार्यक्रम के दौरान भी 5 से 6 रालोद कार्यकर्ताओं ने भी यही हरकत की। मेरे जाने के बाद, एक झड़प हुई। मेरे खिलाफ एकजुट होने के लिए मस्जिद से घोषणाएं की गईं।"
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी और कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया था।
हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे क्योंकि इस सरकार ने लोगों और विधायकों का विश्वास खो दिया है। सरकार का समर्थन कर रहे दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। गठबंधन के कुछ विधायकों ने कहा कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है।"
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