टिकैत मोहाली में अभय सिंह संधू के परिवार से मिलकर शोक जताने पहुंचे थे। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के भतीजे संधू की हाल ही में कोविड के बाद आयी जटिलताओं के कारण मौत हो गई।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री के खिलाफ हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई 2021 को हिसार कमिश्नरी का घेराव करेंगे।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ यहां प्रदर्शन कर रहे समूह में शामिल पंजाब के दो किसानों की मौत हो गई, जिनमें से एक कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।
चक्रवाती तूफान तौकते का असर राजधानी दिल्ली पर भी पड़ा है। इसके कारण एक तरफ दिल्ली का मौसम बदला तो वहीं दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के विरोध में बैठे किसानों के टेंटों को नुकसान हो रहा है।
टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को पर एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले में तेजी से जांच में जुट गई है। जिस अस्पताल में पीड़िता भर्ती रही थी, उस अस्पताल से पुलिस ने पूरा रिकार्ड तलब किया है, जिसमें कुछ सवाल हैं, जैसे कि युवती को कब अस्पताल में लाया गया? किसने दाखिल कराया? उसको क्या तकलीफ हुई? आदि अन्य सवाल शामिल हैं।
एक महिला आंदोलनकारी जिसकी पिछले 30 अप्रैल को कोरोना से मृत्यु हुई है, उसके पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी का रेप किया गया था। इस बात की जानकारी हरियाणा की झज्जर पुलिस की तरफ से दी गई। पुलिस ने लड़की के पिता की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
एसकेएम ने एक बयान में कहा कि किसानों ने दिल्ली की सिंघू सीमा पर राजमार्ग के एक ओर का रास्ता कोविड-19 संकट के मद्देनजर ऑक्सीजन टैंकरों एवं एम्बुलेंस का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए खाली कर दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से कहा गया कि धरना स्थलों पर किसान पहले ही दूर-दूर खुले में रह रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा कृषि कानूनों के खिलाफ होने के साथ-साथ कोरोना के खिलाफ भी लड़ रहा है।
जयंत चौधरी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''141 दिन, 350 से ज्यादा किसान शहीद। आने वाली पीढ़ियां खेती-किसानी बचाने के लिए त्याग को याद रखें।''
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, भाकियू के जनरल सेक्रेटरी युद्धवीर सिंह ने सोमवार को एक बयान जारी कर सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि भाकियू 'भाजपा के खिलाफ नहीं है' और उत्तर प्रदेश के लोग आने वाले दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव में अपनी इच्छा के अनुसार किसी को भी वोट कर सकते हैं।
बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि यदि सरकार आमंत्रित करती है तो नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान वार्ता के लिए तैयार हैं, बातचीत वहीं से शुरू होगी जहां 22 जनवरी को खत्म हुई थी और मांगों में कोई बदलाव नहीं है।
दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन को किसान एक मजबूत धार देने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि किसान लगातार नई-नई रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी किसानों ने कई रणनीति बनाई ताकि सरकार पर दबाब डाला जा सके, लेकिन इन सबके बावजूद सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। ऐसे में किसान होली भी बॉर्डर पर ही मनाएंगे, इसके लिए किसानों की तरफ से तमाम तैयारियां की जा चुकीं है।
सरकार और यूनियनों के बीच इन कानूनों को लेकर 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी दौर की वार्ता 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद बातचीत का सिलसिला टूट गया था। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि इन कानूनों से राज्यों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।
भाजपा विधायक पर हुए हमले के बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने भाजपा विधायक पर हुए हमले की निंदा की है। सुनील जाखड़ ने कहा कि विधायक अरुण नारंग के साथ हुए गैरकानूनी व्यवहार का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि यदि एक अप्रैल से शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान किसानों को उनकी फसलों की खरीद के लिए भुगतान किये जाने में देर की जाती है तो उन्हें नौ प्रतिशत की ब्याज का भी भुगतान किया जायेगा।
Kisan Andolan: उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमें जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं हुए। जब आपसे कहा जाएगा तब आपको दिल्ली जाना होगा और फिर से बैरिकेड तोड़ने होंगे।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसानों का धरना 85वें दिन भी जारी रहा और किसानों ने निर्णय किया कि अब हर रोज एक गांव से ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक टेंट में शनिवार सुबह 10 बजे अचानक आग लग गई।
संपादक की पसंद