किसानों के आंदोलन की वजह से पूरी दिल्ली किला बनी हुई हैं... राजधानी के हर एंट्री प्वाइंट पर 8 से 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है... दिल्ली से करीब 16 किलोमीटर दूर हरियाणा के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर भी पूरी तरह सील है,.. क्योंकि यहां से भी किसान दिल्ली में घुस सकते हैं... दिल्ली से करीब 26 किलोमीट
13 फरवरी को होने वाले किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को देखते हुए...पंजाब से लेकर दिल्ली तक हाइ अलर्ट है. पंजाब के कई इलाकों से किसान अपने ट्रैक्टर पर बैठकर रवाना हो चुके हैं..तो उनको दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
पंजाब-हरियाणा के किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है...किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचने की घोषणा की थी... किसानों को आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार सख्त हो गई है... एक तरफ रास्तों की बाड़ेबंदी कर दी गई है... तो वहीं हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट से
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
कुरुक्षेत्र : सरकार ने किसानों से कहा- कृषि कानूनों पर बनाई जा सकती है कमेटी
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता शुरू हो गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल बैठक में मौजूद हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन जारी है और सरकार से अगले दौर की वार्ता को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेता फैसला ले सकते हैं।
आज देश देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर किसान दिवस मना रहा है। वहीं दूसरी ओर किसान दिल्ली की सीमाओं पर कृषि बिल के खिलाफ डेरा डाले खड़े हुए हैं। सरकार लाख कोशिश कर चुकी है लेकिन किसान टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद से पास कराए गए कृषि विधेयक के खिलाफ देशभर में किसान संगठन और विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे। इस बीच पटना में जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख पप्पू यादव और उनके समर्थक सड़कों पर उतरे।
इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबर के दिन का संबंध तमाम उतार-चढ़ावों से है, लेकिन भारत में इस दिन को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। दरअसल इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था |
पीएम मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती
किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज हम जो पहली और एकमात्र चीज तय करेंगे, वो किसानों के विरोध प्रदर्शन और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर है। कानूनों की वैधता का सवाल इंतजार कर सकता है।
बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सुप्रीम कोर्ट में आज किसानों को बॉर्डर से हटाने की याचिका पर सुनवाई होनी है। भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने बताया, "अभी तक हमें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस नहीं आया है।"
संपादक की पसंद