पिछले दो महीनों से मैं ये लगातार कह रहा हूं कि किसानों के आंदोलन में असामाजिक तत्वों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने घुसपैठ की है।
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी।
सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विाचर करने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत में मौजूद किसान नेताओं लंगर से आया खाना खाया।
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज आठवां दिन है। एक तरफ किसान नेता सरकार के साथ विज्ञान भवन में मीटिंग कर रहे हैं और दूसरी तरफ पूरी दिल्ली में अलग अलग बॉर्डर पर किसानों का घमासान जारी है। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधि सरकार के साथ बातचीत कर रहे है। इस मैराथन बैठक के दौरान लंच ब्रेक भी हुआ। इस दौरान किसान नेताओं ने सरकार की खातिरदारी मंजूर नहीं की।
संपादक की पसंद