दिल्ली में आज किसानों का एक बड़ा सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में किसानों ने तय किया है कि वह केंद्र सरकार के खिलाफ 1 अगस्त को विरोध करेंगे।
किसान संगठनों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी अगली रणनीति की जानकारी दी। 27 फरवरी को किसान संगठनों की बैठक होगी और फिर 29 फरवरी को वो अपने अगले कदम के बारे में बताएंगे। किसान संगठनों ने ये भी आरोप लगाए कि हरियाणा पुलिस ने अत्याचार किया है।
जगबीर सिंह की हत्या में चौधरी नरेश टिकैत समेत दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था। इनमें से 2 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। वहीं नरेश टिकैत को अब सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया।
कुरुक्षेत्र जिला कारागार से गुरनाम सिंह चढूनी सहित 9 किसान नेताओं को रिहा कर दिया गया है। इन सभी को आज कुरुक्षेत्र की एक अदालत से जमानत मिल गई है। इसके बाद जेल प्रशासन ने इन सभी को जेल से रिहा कर दिया। बता दें कि ये सभी लोग शाहबाद प्रदर्शन में गिरफ्तार हुए थे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ किसान यूनियनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये निहित स्वार्थों के लिए राजनीति करती हैं और किसानों को गुमराह करने की कोशिश करती हैं।
farmers protest in punjab: गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और 10 जून से पूरे पंजाब में धान की बुवाई शुरु करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है।
शिवकुमार शर्मा ‘काकाजी’ ने कहा था कि पराली जलाने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है लेकिन सजा के प्रावधान को हटाने का आश्वासन दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद अब किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने एक वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने अपने साथियों को रास्ता रोकने पर बधाई दी है।
मुल्तानी ने फरवरी 2021 को सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता बलबीर राजेवाल की हत्या की साजिश रची थी। हत्या के लिए पंजाब के रहने वाले जीवन सिंह को तैयार किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए लेकिन किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ। अब लोगों के मन में सवाल है कि आखिर अब संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं को क्या चाहिए? अब आंदोलन खत्म क्यों नहीं हो रहा है? लेकिन किसान नेता अब MSP को इश्यू बनाकर दिल्ली के बॉर्डर्स का घेराव कर रहे हैं। क्या किसान अपने आंदोलन से यूपी पर दांव लगाना चाह रहे हैं? देखिए आज की बात रजत शर्मा के साथ।
किसानों के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से संसद के पास जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने की अपील की थी।
मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत से बीकेयू के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है। उन्होंने कहा कि देश बिक रहा है।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) ने शनिवार को पंजाब में कांग्रेस सरकार पर कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध करने में ‘विफल’ होने का आरोप लगाया।
खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे उस किसान नेता पर निशाना बनाने की फिराक में हैं जिसने पंजाब में KCF के कैडर को खत्म करने में मदद की थी।
पिछले दो महीनों से मैं ये लगातार कह रहा हूं कि किसानों के आंदोलन में असामाजिक तत्वों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने घुसपैठ की है।
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी।
सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विाचर करने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत में मौजूद किसान नेताओं लंगर से आया खाना खाया।
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज आठवां दिन है। एक तरफ किसान नेता सरकार के साथ विज्ञान भवन में मीटिंग कर रहे हैं और दूसरी तरफ पूरी दिल्ली में अलग अलग बॉर्डर पर किसानों का घमासान जारी है। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधि सरकार के साथ बातचीत कर रहे है। इस मैराथन बैठक के दौरान लंच ब्रेक भी हुआ। इस दौरान किसान नेताओं ने सरकार की खातिरदारी मंजूर नहीं की।
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