एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगों को लेकर किसान आज अपने आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति तय कर सकते हैं।
किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में डीजल और गैस सिलेंडर की काफी किल्लत हो गई है। लोग काफी परेशान हैं। कहा जा रहा है कि आंदोलन की वजह से सड़क जाम हैं और आपूर्ति बाधित है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से बात करते हुए एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली चलो मार्च के पक्ष में नहीं था।
पंजाब के कई इलाकों में किसानों ने हाइवे के किनारे ट्रैक्टर खड़ा करके प्रदर्शन किया है। किसानों ने WTO समझौते से कृषि क्षेत्र को बाहर करने की मांग उठाई है।
किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी की है। किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली और नोएडा के बॉर्डर इलाकों में यातायात बाधित हो सकती है। कुछ रास्तों में जानें से बचें।
किसान आंदोलन के 14वें दिन आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। BKU के नेता राकेश टिकैत मुज्जफरनगर से इस मार्च की शुरुआत करेंगे। आंदोलन सुबह 11 बजे से शुरू होगा।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से अपील की है कि वह दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करें। बता दें कि हरियाणा पुलिस के जवानों पर खनौरी बॉर्डर पर एक किसान के साथ मारपीट करने के आरोप लगे हैं।
राज्य के कैथल, कुरूक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार में इंटरनेट दोबारा शुरू कर दिया गया है। इन जिलों में 13 फरवरी से किसान आंदोलन के चलते इंटरनेट बंद था।
पंजाब से प्रदर्शनकारी किसानों ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी तथा कृषि ऋण माफी समेत अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था। हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर अंबाला के समीप पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं क्योंकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
पंजाब और हरियाणा के बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच किसान आंदोलन के दौरान 2 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। साथ ही 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि वो पूरी तरह से तैयारी के साथ आए थे और चेहरे पर कपड़ा बांध रखा था।
किसान आंदोलन का आज 12वां दिन है..किसानों के प्रोटेस्ट को अभी 2 हफ्ते भी नहीं हुए हैं और ये सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या किसान आंदोलन दम तोड़ रहा है..ये सवाल गैरवाजिब भी नहीं है..किसान नेता अपने दिल्ली कूच के एलान को लेकर जिस तरह एक के बाद एक सीज़फायर की डेडलाइन बढ़ाते जा रहे हैं, उसे देखते हुए ये क
किसान एमएसपी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। किसान आज देशभर में कैंडल मार्च निकालेंगे। वहीं किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है।
किसान संगठनों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी अगली रणनीति की जानकारी दी। 27 फरवरी को किसान संगठनों की बैठक होगी और फिर 29 फरवरी को वो अपने अगले कदम के बारे में बताएंगे। किसान संगठनों ने ये भी आरोप लगाए कि हरियाणा पुलिस ने अत्याचार किया है।
पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान किसान नेताओं ने मांग की कि खनौरी बॉर्डर पर मारे गए किसान को सरकार शहीद का दर्जा दे और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान दिल्ली में घुसने को लेकर अड़े हुए हैं। इस बीच खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल होने जा रहे किसानों पर सुरक्षाबलों ने फिर आंसू गैस के गोले दागे। साथ ही कुछ किसानों को हिरासत में भी लिया गया है।
पंजाब के किसान नेता बार-बार दावा कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारी शान्तिपूर्ण तरीके से दिल्ली की तरफ बढ़ना चाहते हैं, सरकार किसानों पर जुल्म कर रही है, लेकिन जो तस्वीरें हैं, वे दूसरी कहानी बयां करती हैं।
एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा है कि इसमें कुछ लोग किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पैसों की डील कर रहे हैं। लेकिन हमारी पड़ताल में ये साफ हुआ कि वायरल वीडियो असल में ट्रैक्टर की सौदेबाजी का है।
विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में नक्सलियों ने पर्चा निकाला है। नक्सलियों ने किसानों के साथ दुश्मन की तरह बर्ताव करने वाले सरकार को सबक सिखाने का आह्वान किया है।
हरियाणा के आईजी सिबाश कबिराज ने शुक्रवार को कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि अंबाला के कुछ नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) लगाने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा।
किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर मौत के शिकार हुए किसान शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार 1 करोड़ का मुआवजा देगी।
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