किसानों के 'दिल्ली मार्च' को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पूरे राज्य में धारा-144 लागू करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश अगले एक महीने के लिए जारी किए गए हैं।
किसानों ने अपनी मांगों को मंगवाने के लिए दिल्ली में आंदोलन करने का ऐलान किया है। पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों की कई मांगें हैं, जिसमें MSP को कानून बनाना सबसे प्रमुख मांग है।
दिल्ली पुलिस ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर धारा 144 लगा दी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए सीमाओं पर धारा 144 लागू की जाती है।
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के चलते प्रशासन ने दिल्ली से सटे हरियाणा और पंजाब के सभी बॉर्डरों की अभेद किले में तब्दील कर दिया है। इन रास्तों पर बड़े कंक्रीट के बैरिकेड लगे हैं और कीलें बिछाई गई हैं। साथ ही दो स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाया है।
किसान संगठनों द्वारा एक बार फिर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किए जाने की तैयारी है। 13 फरवरी को किसान संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस बीच दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है। साथ ही लोगों को कुछ रास्तों पर जाने से मना किया गया है।
किसान संगठनों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली चलो का आह्वान किया है। इस कारण सिंघु बॉर्डर के नजदीक जीटी करनाल रोड पर ट्रैफिक जाम जैसे हालात देखने को मिले। दरअसल सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है।
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच किसान संगठनों ने दिल्ली जाने का फैसला लिया है। वहीं किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।
किसान संगठनों के 13 फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान के बाद राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने से रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा और दिल्ली के सीमा क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है।
पंजाब-हरियाणा के किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है...किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचने की घोषणा की थी... किसानों को आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार सख्त हो गई है... एक तरफ रास्तों की बाड़ेबंदी कर दी गई है... तो वहीं हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट से
किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है। उससे पहले हरियाणा सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाने के साथ अब पंचकुला में धारा 144 भी लागू कर दी है।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवा को राज्य के कई जिलों में बंद करने का फैसला लिया है। इसके लिए हरियाणा के गृह मंत्रीलय की तरफ से आदेश जारी किया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के बाद इंटरनेट पर लोगों में ये बहस शुरू हो गई है कि इस तकनीक से खेती का काम आसान हो जाएगा, तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इससे मजदूरों का रोजगार छीन जाएगा।
Farmer protest Delhi Noida Traffic : सड़क पर किसान...नया घमासान...
दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेता केंद्रीय मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने पहुंचे हैं। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्च की कुछ मांगे हैं। बता दें कि विरोध प्रदर्शन के कारण आज पूरे दिन दिल्ली-नोएडा रूट पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला है।
बता दें कि गुरुवार को किसान संगठनों के मार्च को देखते हुए नोएडा में पुलिस ने धारा-144 लागू कर दी थी। इसके साथ ही जिले की सभी सीमाएं भी अगले 24 घंटे के लिए सील कर दी गई थी। हालांकि, किसान संगठनों ने दिल्ली-नोएडा रूट से हटने का ऐलान कर दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज किसान नोएडा और ग्रेनो अथॉरिटी पर धरना दे रहे हैं। इसके बाद दोपहर से किसान ट्रैक्टरों पर दिल्ली के लिए निकलेंगे। इस वजह से पुलिस ने कई रास्ते बंद किए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज किसान नोएडा और ग्रेनो अथॉरिटी पर धरना दे रहे हैं। इसके बाद दोपहर से किसान ट्रैक्टरों पर दिल्ली के लिए निकलेंगे। इस दौरान किसी भी अव्यवस्था से बचने के लिए पुलिस ने तैयारियां की हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ने आरोप लगाया कि जब किसानों ने अब निरस्त किये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, तब केंद्र ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का वादा किया था, लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र के दबाव के कारण सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है।
उत्तर प्रदेश में अब कंप्रेस्ड बायोगैस यानी CBG प्लांट शुरू हो गया है। आज बदायूं में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्लांट का उद्घाटन किया है। इस प्लांट में किसानों के खेतों से निकलने वाली पराली और पशुओं के गोबर से बायोगैस और जैविक खाद बनेगा।
धरने पर बैठे किसानों ने नोएडा प्राधिकरण के गेट पर ताला लगा दिया। इस दौरान उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। किसानों का कहना है कि वह तभी उठेंगे, जब उनकी मांगें मानी जाएंगी।
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