ये तीन कानून किसान को खत्म करने के कानून हैं। इस देश को आज़ादी अंबानी-अदानी ने नहीं, किसान ने दी है। आज़ादी को बरकरार हिन्दुस्तान के किसान ने रखा है, जिस दिन देश की खाद्य सुरक्षा चली जाएगी उस दिन देश की आज़ादी चली जाएगी: राहुल गांधी
भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है और उच्चतम न्यायालय की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे। आज वार्ता की तारीख़ तय थी इसलिए किसानों के साथ हमारी वार्ता जारी है: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
बीकेयू के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, जो कि कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के चार सदस्यों में से एक थे, ने गुरुवार को कहा कि वह खुद को पैनल से हटा रहे हैं।
कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। हमें सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मंजूर नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे।
कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेता ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। हमें सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मंजूर नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई की । सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, उससे हम निराश हैं। विभिन्न राज्य इस क़ानून के ख़िलाफ़ हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आठवें दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।
कृषि कानूनों (farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक अहम सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार किसान कानून को लागू करने से रोके नहीं तो हम रोक देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। आप कानून बना रहे हैं, आप इसे ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट... मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी सुनवाई
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत होगी। जानकारी के मुताबिक दोपहर 2 बजे से विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच बैठक होनेवाली है।
गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान पर चल रहे एक कनाडाई राष्ट्रीय ध्वज को ट्रैक्टर पर चिपकाए जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच, हजारों किसानों ने गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन स्थलों - सिंघू, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं से अपना ट्रैक्टर-मार्च शुरू किया।
कृषि कानूनों के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाने के लिए 7 जनवरी को किसानों ने एक मेगा ट्रैक्टर रैली आयोजित की।
किसान नेताओं और मंत्रियों को आठवीं बार - खेत कानूनों पर बातचीत के लिए, ट्रैक्टर रैली को एक दिन पहले बल के एक शो के रूप में देखा जा रहा है |
किसानों को प्रदर्शन का हक है। हम उसमें दखल नहीं देंगे, लेकिन प्रदर्शन के तरीकों पर हम गौर करेंगे
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
मंत्री चाहते थे कि हम कानून-वार चर्चा करें। हमने इसे खारिज कर दिया और कहा कि कानूनों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हम कानूनों का पूरा रोलबैक चाहते हैं। सरकार हमें संशोधनों की ओर ले जाने का इरादा रखती है लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे:
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
किसान आंदोलन का समन्वय कर रही समिति ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ किसान गणतंत्र परेड करेंगे।
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