कृषि मंत्री ने कृषि कानून पर शरद पवार के बयान का स्वागत किया है l केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए।
गुरुवार को शरद पवार ने कहा था कि किसान 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और किसानों तथा केंद्र सरकार के बीच डेडलॉक हो चुका है, और वे अभी भी वहीं बैठे हुए हैं।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बुधवार को भाजपा कार्यकर्ता और कृषि कानून के प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए। किसानों ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंच के पास नारेबाजी की जिससे लोगों के समूहों के बीच हाथापाई हुई।
राष्ट्रीय किसान मंच ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। मंच द्वारा जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि प्रदेश की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार किसानों के हितों के बजाए पूँजीवादियों को फायदा पहुँचाने का काम कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत, जो गाजीपुर सीमा पर किसान के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, ने संवाददाताओं को बताया कि किसान संघ ने दो और रैलियां करने का फैसला किया है, और 9 जुलाई को ट्रैक्टर रैली की योजना बनाई है, जो सिंघू पहुंचने वाली है।
शुरू हुए एक साल बाद पंजाब में किसानों का विरोध अब और बड़ा हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार हो सकता है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है। इतना ही नहीं, इस आंदोलन को भाजपा को छोड़कर राज्य के सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आंदोलन बीते सात महीनों से जारी है। आंदोलन को शुरू हुए इतने दिन भले ही बीत गए हों लेकिन किसान अब भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
किसान आंदोलन के 7 महीने हो रहे हैं पूरे, राकेश टिकैत बोले- अब बिना बताए ट्रैक्टर ले जाएंगे दिल्ली l
एसकेएम ने बयान में कहा गया है कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान 26 जून की तैयारी कर रहे हैं और वे इसे 'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को ‘बदनाम’ कर रही है।
सरकार कृषि कानूनों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत के लिये तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार कृषि कानून के साथ साथ दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत के लिए तैयार।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा शासनकाल में किसानों को ‘गहरी चोट’ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोशित किसानों की एकता भाजपा के दंभ को चकनाचूर कर देगी।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर केंद्र सरकार से किसानों के साथ वार्ता पुन: शुरू करने की अपील की। एक सरकारी पैनल ने 22 जनवरी को किसान नेताओं के साथ बैठक की थी, लेकिन 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के हिंसक हो जाने के बाद से दोनों पक्षों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है।
इस आरोप को खारिज करते हुए कि सरकार राज्य में कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने में विफल रही है, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय किसान यूनियन से अपने प्रस्तावित धरने को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया, जो उन्होंने कहा कि संक्रमण के सुपरस्प्रेडर में बदल सकता है।
राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को कहा कि तीन विवादित कृषि कानूनों पर किसान संघ केंद्र सरकार के साथ बात करने को तैयार हैं, लेकिन चर्चा इन कानूनों को रद्द करने को लेकर होगी।
बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि यदि सरकार आमंत्रित करती है तो नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान वार्ता के लिए तैयार हैं, बातचीत वहीं से शुरू होगी जहां 22 जनवरी को खत्म हुई थी और मांगों में कोई बदलाव नहीं है।
2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य की घोषणा की गई थी तब उसका आधार वर्ष 2015-16 रखा गया था। सरकार ने सात साल में यानी 2022-23 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
हरियाणा के जींद में रविवार को होने वाली किसान महापंचायत से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
तीन नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कृषि अर्थशास्त्रियों की तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को इन तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी थी और गतिरोध का समाधान करने के लिए चार सदस्यीय समिति नियुक्त की थी।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों ने रविवार को ‘होलिका दहन’ के दौरान केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई।
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