बुधवार को संसद सत्र शुरू होने से पहले संसद के बाहर अकाली दल नेता और पंजाब से सांसद हरसिमरत कौर बादल संसद के बाहर किसान बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तभी वहां पर कांग्रेस नेता और पंजाब से सांसद रवनीत बिट्टू पहुंचे और दोनों के बीच किसान कानूनों को लेकर बहस छिड़ गई।
संसद में ट्रैक्टर चलाने के बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 3 अगस्त को ईंधन और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के विरोध में साइकिल से संसद पहुंचे। लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी सहित उनकी पार्टी के सहयोगियों ने उनका साथ दिया। साइकिल से संसद पहुंचने से पहले, श्री गांधी ने 15 विपक्षी दलों के नेताओं और लोकसभा और राज्यसभा में उनके सहयोगियों के लिए नाश्ते की मेजबानी की।
बीजेपी के विरोध कार्यक्रम के दौरान राजस्थान के श्रीगंगानगर में जमकर बवाल हुआ। यहां संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं की अगुवाई में लोगों ने शुक्रवार को बीजेपी का विरोध शुरू कर दिया।
किसानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ में गुरुवार को तीन कृषि कानूनों में से एक पर चर्चा की गयी और ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गयी।
संयुक्त मोर्चा ने उत्तराखंड, यूपी, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में जाकर सरकार की नीतियों और काम पर किसानों से बात करने का फैसला किया है। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर (यूपी) में होगी बड़ी पंचायत : बीकेयू नेता राकेश टिकैत
किसानों को 'मवाली' कहने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से तत्काल इस्तीफे की मांग की। आंदोलन कर रहे किसानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भाजपा नेता की आलोचना करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया जिसपर किसान नेता राकेश टिकैत ने पलटवार करते हुए किसान को देश का अन्नदाता बताया।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं।
राज्यसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को विपक्ष के सदस्यों के बीच हंगामे से विवाद पर अपने बयान को छोटा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जैसे ही श्री वैष्णव पेगासस पर बोलने के लिए उठे, तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने उनके कागजात छीन लिए, फाड़े और डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह पर फेंक दिए। इसने मंत्री को इसके बजाय मेज पर कागज रखने के लिए मजबूर किया।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर कहा कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं, बिल के किस प्रावधान पर उनको आपत्ति है, अगर वो आपत्ति बताएंगे तो आज भी सरकार खुले मन से उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है।
देश ने देखा है कि ये कृषि कानून फायदेमंद हैं और किसानों के पक्ष में हैं। हमने इन कानूनों के बारे में चर्चा की है। यदि वे बिंदुवार कानूनों के साथ अपने मुद्दों को व्यक्त करते हैं, तो हम इस पर चर्चा कर सकते हैं: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्र के 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच आंदोलन शुरू करेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों द्वारा प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा और वहां पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड मानदंडों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
किसान संगठनों ने संसद का घेराव करने की योजना बनाई थी लेकिन किसान यूनियन के एक नेता ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि किसान कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पंचायत तक सरकार के पास 2 महीने हैं और सरकार मान नहीं रही है। टिकैत ने आगे कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश में जंग होगी और गृहयुद्ध होगा।
किसान कानून के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुरुवार को अपील की, लेकिन उन्होंने इन कानूनों को रद्द करने से इनकार कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहती है, तो उसे शर्तें नहीं रखनी चाहिए।
इंडिया टीवी के कार्यक्रम चुनाव मंच में किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ.संजीव बालियान ने कहा कि किसानों से 11 बार बात हुई है। बातचीत का सिलसिला शुरू होना चाहिए। किसानों से दोबारा बातचीत होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम चुनाव मंच (Chunav Manch) में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान शर्तों पर बात नहीं करेगा। सरकार पर किसानों को यकीन नहीं है। फिलहाल किसान संसद कूच नहीं करेंगे।
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