अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी दावा करती है कि सरदार पटेल के रास्ते पर चल रहे हैं, लेकिन आज सबसे ज्यादा किसान दुखी हैं। आज किसानों की आय कम हुई है, महंगाई बढ़ गई है, बेरोजगारी बढ़ी है, जिस तरह से सरकार चल रही है, सभी वर्ग अपमानित हो रहे हैं।''
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) परविंदर सिंह ने कहा, ''हमने सुबह किसान नेताओं के साथ बैठक की और बाद में दोपहर करीब 1 बजे दिल्ली से हरियाणा की ओर जाने वाले मार्ग को खोल दिया गया और यातायात शुरू हो गया।''
टिकरी बॉर्डर के बाद अब गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेड हटाने का काम शुरू हो गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर सड़क के एक लेन से पुलिस ने पूरी तरह हटाए बेरिकेड्स हटा दिए हैं।
इसके अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से हटाने की मांग के साथ सरकार को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा उन्होंने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े सभी किसान समूह अखिल भारतीय प्रदर्शन का समर्थन करेंगे।
तोमर ने खंडवा लोकसभा के ग्राम गुड़ीखेड़ा और पंधाना में चुनावी सभा में भाग लेने जाते वक्त एक सवाल के जवाब में मीडिया से कहा, ‘‘तीनों कृषि कानून, किसानों के भले के लिए लाये गये हैं और देश भर के अधिकांश किसान इन कृषि कानूनों के समर्थन में खड़े हैं। अधिकतर यूनियन भी इन कानूनों के समर्थन में खड़े हैं।’’
आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अब तक 10 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस घटना में कथित तौर पर भीड़ में लोगों के ऊपर एसयूवी (थार जीप) चढ़ा देने से जहां चार किसानों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा में कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। जिले के तिकुनिया गांव में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा कथित रूप से चलाई जा रही एक जीप से कथित रूप से कुचले जाने से चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी।
पिछले महीने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा था कि वह समान विचारधारा वाले दलों जैसे कि टूटे अकाली समूहों के साथ गठबंधन पर विचार कर रहे है।
राकेश टिकैत ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर मर्डर के पीछे बड़ी साजिश है। गिरफ्तारी हुई अब कानून अपना काम करेगा। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के सामने हत्या की गई।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सोमवार को बैठक होगी, जिसमें पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से लेकर किसानों के आंदोलन तथा कोविड-19 महामारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या को लेकर आलोचना झेल रहे किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि वे प्रदर्शन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर तथा स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाकर सुरक्षा चौकस करेंगे और इस घटना का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कांग्रेस ने राजस्थान और हरियाणा में 30 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा उपचुनावों के लिए गुरुवार को अपने उम्मीदवार घोषित किए। कांग्रेस ने नागराज मीणा को राजस्थान की धरियावाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है तथा वल्लभनगर से प्रीति शक्तावत को उम्मीदवार बनाया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुयी हिंसा ने उन्हें 1919 की जलियांवाला बाग घटना की याद दिला दी।
इंडिया टीवी के ख़ास प्रोग्राम 'चुनाव मंच' में बोलते हुए, अखिलेश यादव ने किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यूपी के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ हैं।
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के अमेरिका राष्ट्रपति जो बायडेन को ट्वीट पर टैग करते हुए जब इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि देश के आंतरिक मामलों का हल क्या वे अमेरिका से करवाएं तो राकेश टिकैत गोलमोल जबाव देने लगे और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बात करने लगे।
देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का असर का असर दिखाई दे रहा है। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया है, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमाए बैठे हुए हैं।
नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ 27 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने सोमवार को एकबार फिर जोरदार प्रदर्शन किया और बैरियर तोड़कर प्राधिकरण के कार्यालय में घुसकर तालाबंदी करने की कोशिश की। इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई।
कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने आज 'भारत बंद' की अपील की है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद का सबसे असर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा भाजपा के विरोधी दलों द्वारा शासित कई अन्य राज्यों में दिखाई दे सकता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए रविवार को उनके परिजनों को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे।
राकेश टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत’’ में कहा, ‘‘आंदोलन को दस महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं।’’
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