5 सदस्यीय किसान कमेटी की बैठक जारी है। माना ये जा रहा है कि किसानों का ये पैनल आज गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर सकते हैं।
सरकार से बातचीत के लिए नियुक्त 5 किसान नेताओं की बुधवार को बैठक होगी।इसी में आंदोलन को खत्म करने या आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा सकता है।
किसान आंदोलन कब ख़त्म होगा - इस सवाल पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। किसान नेताओं की अब मांग है कि किसानों पर सभी दर्ज मुक़दमे वापस ले लिए जाएं।
खुद राकेश टिकैत ने कबूल किया है कि चिट्ठी मिली है। राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से फोन पर बताया कि सरकार से चिट्टी आई है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘ हमने इन किसानों के बारे में पता लगाया। पंजाब की सरकार ने राज्य के करीब 400 किसानों को मुआवजा दिया है।
PM Modi के ऐलान के बाद सदन से कृषि कानून को वापस लिया जा चुका है लेकिन, किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर लगाए गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसान भी अपने वापस लौटने को पूरी तरह तैयार हैं। 4 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद पांच ऐसे किसान नेता चुने गए जो सरकार से बातचीत करेंगे। इन्हीं में से एक हैं किसान नेता युद्धवीर सिंह जिन्होंने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की और कृषि कानूनों की वापस से लेकर किसानों आंदोलन के अंत जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
किसानों की ओर से सरकार को दिए गए डेडलाइन का आज आखिरी दिन भी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 4 तारीख को बैठक की थी और केंद्र सरकार को 2 दिन का वक्त दिया था।
कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में किसान आंदोलन खत्म करने पर फैसला हो सकता है क्योंकि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आंदोलन जारी रखने के मूड में नहीं हैं।
केंद्र ने एमएसपी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को एसकेएम से पांच नाम मांगे थे। हालांकि बाद में एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि उसके नेताओं को केंद्र से इस मुद्दे पर फोन आये थे लेकिन कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोरोना से मौत के आंकड़ों और किसान आंदोलन में किसानों के मौत के रिकॉर्ड को लेकर मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधा। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार हमसे लिस्ट ले सकती है, 700 किसान परिवारों को मुआवजा दे।
कोई भी आंदोलन अनंतकाल तक नहीं चलता । एक मकसद के साथ आंदोलन शुरू होता है और अंजाम तक पहुंच जाने पर ख़त्म होता है। पंजाब के किसान नेता सतनाम सिंह का बयान आया लगा आंदोलन ख़त्म होने को है। तो राकेश टिकैत का बयान आया आंदोलन समाधान की तरफ़ जा रहा है लेकिन सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई। देखिए मुक़ाबला मीनाक्षी जोशी के साथ।
कृषि कानून वापसी विधेयक का लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी है और कानूनी तौर पर तीनों कृषि कानून अब समाप्त हो चुके हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक 4 दिसंबर को होगी। आज केवल पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक होगी।
एक वर्ष से लंबे समय से चल रहा किसान आंदोलन अब शायद खत्म हो जाए और बॉर्डर पर डटे किसान अपने अपने घर वापस चले जाए। सरकार और किसान के बीच चल रही बातचीत से तो यही लग रहा है। इस सब पर इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से बातचीत की।
पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। किसान नेता सतनाम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, और हम 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से MSP मामले पर चर्चा के लिए 5 नाम मांगे हैं। सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर 32 जत्थेबंदियों की बैठक खत्म हो गई है, जिसके बाद किसान नेता सतनाम सिंह का यह बयान सामने आया है।
पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। किसान नेता सतनाम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, और हम 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकते हैं।
SKM ने एक बयान में कहा था कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना किसान आंदोलन की पहली बड़ी जीत है लेकिन अन्य अहम मांगें अब भी लंबित हैं।
कृषि कानून वापसी बिल आज पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पास हो गया है। आज दोपहर बारह बजकर आठ मिनट पर लोकसभा से बिल पास हुआ और उसके करीब दो घंटे बाद दो बजकर आठ मिनट पर राज्यसभा ने भी बिल को मंजूरी दे दी। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने ध्वनिमत से कृषि कानून वापसी बिल को पास किया। संसद से बिल वापसी के बाद सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने जश्न मनाया। लेकिन किसान नेता अब भी अपनी जिद पर अड़े हैं। जो किसान नेता पहले कानून वापसी और उसके बाद घर वापसी का नारा दे रहे थे। आज वो MSP गारंटी पर कानून बनाने की बात कर रहे है । देखिए मुक़ाबला मीनाक्षी जोशी के साथ।
जब राहुल गांधी से कहा गया कि क्या वे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करेंगे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, "मैं किसान संगठनों से अपील नहीं करूंगा, उनसे अपील करने की जरूरत नहीं है, जिम्मेदार किसान संगठन है क्यों, उनकी क्या गलती है"
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