कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई की । सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, उससे हम निराश हैं। विभिन्न राज्य इस क़ानून के ख़िलाफ़ हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आठवें दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।
कृषि कानूनों (farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक अहम सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार किसान कानून को लागू करने से रोके नहीं तो हम रोक देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। आप कानून बना रहे हैं, आप इसे ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट... मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी सुनवाई
उच्चतम न्यायालय नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर आज (11 जनवरी) को फिर सुनवाई करेगा।
दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर पंजाब के 40 वर्षीय एक किसान ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली। मृतक अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रहने वाले थे। शनिवार देर शाम उन्होंने सल्फास खा लिया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को हर प्रांतीय हेडक्वार्टर पर कांग्रेस पार्टी किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जनआंदोलन तैयार करेगी, धरना प्रदर्शन और रैली के बाद राजभवन तक मार्च करेंगे।
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध 8वें दौर की बातचीत में भी नहीं खत्म हो पाया। शुक्रवार को हुई 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो चुकी है। इसपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तारीख पे तारीख देना उसकी रणनीति है।
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत होगी। जानकारी के मुताबिक दोपहर 2 बजे से विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच बैठक होनेवाली है।
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत हुई।
गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान पर चल रहे एक कनाडाई राष्ट्रीय ध्वज को ट्रैक्टर पर चिपकाए जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच, हजारों किसानों ने गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन स्थलों - सिंघू, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं से अपना ट्रैक्टर-मार्च शुरू किया।
कृषि कानूनों के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाने के लिए 7 जनवरी को किसानों ने एक मेगा ट्रैक्टर रैली आयोजित की।
किसान नेताओं और मंत्रियों को आठवीं बार - खेत कानूनों पर बातचीत के लिए, ट्रैक्टर रैली को एक दिन पहले बल के एक शो के रूप में देखा जा रहा है |
किसानों को प्रदर्शन का हक है। हम उसमें दखल नहीं देंगे, लेकिन प्रदर्शन के तरीकों पर हम गौर करेंगे
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन बुधवार को 42वें दिन जारी है। किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेता इस समय ट्रैक्टर मार्च की तैयारी में जुटे हैं।
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
मंत्री चाहते थे कि हम कानून-वार चर्चा करें। हमने इसे खारिज कर दिया और कहा कि कानूनों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हम कानूनों का पूरा रोलबैक चाहते हैं। सरकार हमें संशोधनों की ओर ले जाने का इरादा रखती है लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे:
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
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