प्रदर्शनकारियों ने विधायक को कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंचने दिया और उनके वाहन पर काला रंग पोत दिया।
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों ने आज शुक्रवार यानी 26 मार्च को भारत बंद बुलाया है। इस दौरान रेल और सड़क परिवहन सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने 26 मार्च (शुक्रवार) को 'भारत बंद' का अह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसान आंदोलन के 4 महीने (120 दिन) पूरे होने पर 'भारत बंद' किया जा रहा है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसानों का धरना 85वें दिन भी जारी रहा और किसानों ने निर्णय किया कि अब हर रोज एक गांव से ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने मांग करते हुए कहा कि आंदोलन स्थल पर किसानों का टीकाकरण किया जाए। साथ ही टिकैट ने खुद भी कोरोना टीका लगवाने की इच्छा जाहिर की है।
बसपा प्रमुख मायावती सोमवार को किसानों के समर्थन में सामने आईं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद नहीं हैं और सरकार से इसे वापस लेने का आग्रह किया।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल सिंह ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से किसानों को नाराज नहीं करने की गुजारिश की है।
उप आयुक्त गुरदीप खेड़ा ने बताया कि किसानों ने कुछ समय के लिए जंडियाला गुरू रेलवे स्टेशन पर धरना समाप्त कर दिया है जिसके बाद यात्री रेल सेवाएं बहाल हो सकी हैं।
राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि आज भी मोदी सरकार खड़ी है कि किसान बातचीत के लिए टेबल पर आएं। इस आंदोलन से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसलिए किसानों से विनती है कि वे वार्ता के लिए टेबल पर आएं और इस समस्या को हल करें।
इंडिया टीवी के साथ एक खास बात-चीत में कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के प्रति असंवेदनशील होने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के एक भी नेता ने उन लोगों के लिए एक शब्द भी नहीं बोला, जिनकी मौत कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुई है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश सिंह टिकैत ने सोमवार को कहा कि आवश्यकता पड़ी तो तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने के लिये लाखों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों पर संसद पहुंचेगें। टिकैत ने नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम लिये बिना उन्हें बिना अधिकार का केन्द्रीय कृषि मंत्री बताया।
पंजाब सरकार ने 1.13 लाख किसानों के 1,186 करोड़ रुपये और 2021-22 में भूमिहीन किसानों के 526 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की है। विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह ने घोषणा की।
पंजाब विधानसभा के बाहर आज ज़बरदस्त हंगामा देखने को मिला | अकाली दल के नेताओं ने कृषि कानून और बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया |
हरियाणा के हिसार जिले के एक किसान ने रविवार को टीकरी बॉर्डर विरोध स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
किसान महापंचायत में अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में दिनदहाड़े रेप की वारदात सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि, "अंधेर नगरी चौपट राजा, रात को गांजा, देखना है तो यूपी में आजा।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने यहां आयोजित किसान महापंचायत में केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की मांग की।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने बड़ी रणनीति बनानी शुरू कर दी है और उस रणनीति के तहत चुनावी राज्यों में अपना दल भेजेंगे जो वहां की जनता को बीजेपी के खिलाफ वोट डालने के लिए अपील करेगी।
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने इस मामले को ओटावा और नयी दिल्ली में कनाडा के अधिकारियों के समक्ष उठाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को केन्द्र के नए कृषि कानूनों का फायदा बताने के लिए बलिया जिले में बनने वाले मशहूर काली गाजर के हलवे और चंदौली के काले चावल से बनी खीर का जिक्र किया।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अगर वे इन कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केन्द्र की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत को तैयार है।
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