भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रस्तावित भारत बंद का समर्थन करने वाले कांग्रेस, राकांपा और अन्य दलों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि केवल नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध के लिए ये दल आंदोलन का साथ दे रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि विपक्षी पार्टियां किसानों के नाम पर गंदी राजनीति कर रही है, यह निंदनीय है। जनता और किसानों को यह समझना चाहिए कि किसानों की प्रगति के लिए बनाए गए कानूनों को लागू करने में कोई बुराई नहीं है।
कृषि कानूनों के विरोध में 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। ये आंदोलन सुबह से शाम तक रहेगा, लेकिन सुबह 11 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। इसे अधिकतर संगठनों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा आठ दिसंबर को किये गये ‘भारत बंद’ के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
ट्रांसपोर्टरों का संगठन एआईएमटीसी किसानों के भारत बंद के समर्थन में मंगलवार को देशभर में ट्रांसपोर्ट सेवाओं का परिचालन बंद रखेगा। संगठन पहले दिन से किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहा है।
किसानों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विरोध दल किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर अराजकता का महौल बना रहे है। केंद्र ने किसानों के लिए कई बड़े कदम उठाए।
नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान दिया है।
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि आठ दिसंबर को पूरी ताकत के साथ ‘भारत बंद’ किया जाएगा।
किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।
कृषि मंत्री ने किसानों से शनिवार को भावुक अपील की। किसान दिल्ली के बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड में कृषि बिल को वापस लेने की मांग पर डटे हुए है। किसानों के साथ इसमें बच्चे और बुढ़े भी शामिल है। ऐसे में ठंड काफी बढती जा रही है।
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच आंदोलित किसानों और सरकार के बीच समाधान निकलने के आसार कम नजर आ रहे हैं।
केंद्र सरकार से हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग स्वीकार करने की मांग करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने शुक्रवार को कृषकों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के शिरोमणि अकाली दल (SAD) द्वारा बनाये जाने वाले किसी भी मोर्चे में शामिल होने की इच्छा प्रकट की।
नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच दिल्ली के एक निवासी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए किसानों को सड़कों से हटाने का निर्देश देने की मांग की है।
किसानों को अपनी नाराजगी दिखाने का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उन्हें किसी भी कीमत पर राष्ट्रविरोधी तत्वों को अपने मंच का इस्तेमाल करने और अशांति फैलाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।
सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों ने शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 दिसंबर यानि कल शनिवार को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।
भारत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की टिप्पणी को लेकर कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया। भारत ने उच्चायुक्त को कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक अस्वीकार्य हस्तक्षेप के समान है।
किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए विज्ञान भवन में गुरुवार को हुई चौथे दौर की बैठक भले किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी, लेकिन मांगों को लेकर सरकार का रुख पहले से नरम हुआ है।
3 केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक गुरुवार को बेनतीजा रही। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर देते रहे। अगली बैठक 5 दिसंबर (शनिवार) को होगी।
नए कानून के नाम पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपने इन साथी किसानों की ये सक्सेज स्टोरीज जरूर पढ़नी चाहिए।
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