आरोपियों ने बताया कि पिछले काफी वक्त से बाजार में दो हजार के नोट गायब हैं। बाजार में आसानी से बड़ा नोट नहीं मिलता है, इसलिए दो हजार के नोट प्रिंट करने का उन्होंने फैसला किया, क्योंकि लागत वही है और मुनाफा ज्यादा था।
स्विट्जरलैंड को कालाधन के पनाहगाह के रूप में जाना जाता है लेकिन अब ऐसा जान पड़ता है कि इस यूरोपीय देश में नकली भारतीय नोट में भी काफी वृद्धि हुई है।
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