अभी एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसे कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए लेटर के तौर पर दिखाया जा रहा है। हालांकि, यह लेटर फेक है।
सोशल मीडिया पर लंबे समय से पीएम धन लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को सरकार के द्वारा 5 लाख रुपये का लोन देने की खबरें आ रही थीं। जानिए क्या है सच्चाई।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून, 2020 से सभी भाषाओं में 'इंडिया' को 'भारत' कहने का आदेश दिया है। लेकिन, यह दावा गलत है।
फेक न्यूज को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश सरकार ने झूठी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म से जुड़े अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं।
फेक न्यूज़ को लेकर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाया है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक लोगों तक सही खबरें तेजी के साथ पहुंचना जरूरी
वित्त मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, 'ऐसी रिपोर्ट है कि केंद्र सरकार के पेशनभोगियों की पेंशन में 20 प्रतिशत की कटौती की जा रही है। यह खबर पूरी तरह गलत है।
व्हाट्सएप का यह नया कदम ऐसे समय में आया है जब दुनियाभर के देश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाहों और फर्जी खबरों से निपटने के लिए नए-नए उपाय कर रहे हैं और कठोर कदम उठा रहे हैं।
कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रहे महाराष्ट्र की पुलिस ने अब सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को लेकर नकेल कसनी शुरू कर दी है।
पुलिस ने जिले के गोटेगांव कस्बे के 38 वर्षीय एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के बारे में अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। नरसिंहपुर के जिला पुलिस अधीक्षक :एसपी: गुरुकरण सिंह ने गुरुवार को बताया कि सोशल मीडिया में कोरोना वायरस के बारे में अफवाह फैलाने के आरोप में कमलेश साहू को गिरफ्तार किया गया है।
कंपनी ने पिछले ही सप्ताह घोषणा की थी कि वह ऐसे वीडियो/तस्वीरों पर नजर रखेगा जो डॉक्टर्ड हैं या जिनमें जानबूझकर छेड़छाड़ की गई है। उसी दिन कंपनी ने कहा था कि वह घृणा फैलाने वाले भाषणों पर प्रतिबंध में भी विस्तार करेगा।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए राष्ट्रीय राजधानी के 81 प्रतिशत मतदाताओं तक फर्जी खबरे पहुंचीं। गैर-लाभकारी संस्था सोशल मीडिया मैटर्स एंड इंस्टीट्यूट फॉर गवर्नेस, पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
31 दिसंबर 2019 से 2 हजार के नोट बंद होने की झूठी खबर के बाद सोशल मीडिया पर 500 रुपए के असली और नकली नोट को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
पंजाब और महाराष्ट्र को आपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले का खुलासा होने के बाद से सोशल मीडिया पर यस बैंक को लेकर अफवाहों का बाजार गरम है। यस बैंक ने बैंक की वित्तीय सेहत को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों और फर्जी खबरों के खिलाफ मुंबई पुलिस और साइबर सेल के पास शिकायत दर्ज कराई है।
विश्व की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों की पारदर्शिता रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन सामग्री को हटाने का सबसे अधिक आग्रह भारत की तरफ से मिला। पाकिस्तान का नंबर इस सूची में आठवां है।
वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के संस्थापक सर टिम बर्नर्स ली ने इंटरनेट पर फर्जी खबरों के प्रवाह को कम करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि डेटा को लेकर खुलेपन की नीति के ऊपर भारत में अभी बहुत काम करने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी को लेकर फैल रही अफवाहों के बीच बच्चा चोरी के शक में बलिया और बांदा में लोगों ने एक महिला और चार मजदूरों की पिटाई कर दी।
पाकिस्तानी सेना के लोग भारतीय सेना की यूनिफॉर्म पहनकर पीओके के लोगों को पीटते हुए वीडियो बना रहे हैं।
किसी संकट की स्थिति में सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध का 88 फीसदी भारतीय द्वारा समर्थन किए जाने की संभावना है। मार्केट रिसर्च फर्म इपसोस के सर्वेक्षण में यह बात कही गई है। यह सर्वेक्षण 28 देशों में किया गया, जहां लोगों से पूछा गया कि क्या सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफार्मो को बंद करने का अधिकार होना चाहिए।
इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वाट्सऐप (WhatsApp) का अगर आप भी करते हैं बहुत ज्यादा इस्तेमाल तो ये खबर आपके लिए पढ़ना बेहद जरूरी है। वरना आप कानून दांवपेंच में फंस सकते हैं।
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