सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक ट्रेन पुल पर रुकी है और लोग डिब्बों से बाहर उतर रहे हैं। वीडियो में दावा किया गया है कि ट्रेन हादसे का शिकार हो गई है।
सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी वेबसाइटों द्वारा लोगों से ठगी का काम किया जाता है। ये सरकारी वेबसाइट होने का दावा करती हैं और लोगों से फीस के नाम पर पैसे ऐंठती हैं।
उत्तर भारतीय श्रमिकों पर हमले की सोशल मीडिया पर 'फर्जी' खबरों के बाद तमिलनाडु में काम कर रहे प्रवासी कामगारों के बीच पूरे राज्य में खलबली मच गई। इन खबरों का असर ये हुआ कि तमिलनाडु में उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए।
ये यूट्यूब चैनल प्रधानमंत्री, भारत के सर्वोच्च न्यायालय, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सरकारी योजनाओं, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, कृषि ऋण माफी आदि के बारे में झूठे और सनसनीखेज दावे फैला रहे थे।
अफवाहों और फेक न्यूज पर लगाम कसने के लिए गूगल की सहाय क जिगसॉ भारत में एंटी-मिस इंफॉर्मेशन कैंपेन लॉन्च करने वाली है। इस कैंपेन का उद्देश्य भ्रामक जानकारियां फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट और यूट्यूब चैनल्स का पता लगाना होगा। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
Mumbai News: मुंबई के भीड़भाड़ वाले झावेरी बाजार इलाके में बम के बारे में फर्जी कॉल करने के आरोप में पुलिस ने 24 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
Mohammad Zubair Arrest: पुलिस ने बताया कि जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153/295 के तहत केस दर्ज किया गया था, इसी में उनकी गिरफ्तारी की गई है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से जुबैर को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
रजक के ट्विटर अकाउंट से 11 मई और 18 मई को अलग-अलग अंतराल में चार झूठे ट्वीट किए गए। इन ट्वीट में लिखा था कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा है और इसमें सवार यात्रियों की जान बचाई जाए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 20 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को ब्लॉक करने का जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है।
सोशल मीडिया के ये वो टूल्स हैं जहां भारत विरोधी एक्टिविटीज हो रहीं थीं। ये यू ट्यूब चैनल्स भारत के अंदर प्रोपगेंडा करके झूठ फैला रहे थे और अब सरकार ने इनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। जिन 20 यू-ट्यूब चैनल्स को ब्लॉक किया है उनमें से पंद्रह चैनल नया पाकिस्तान ग्रुप के नाम से रजिस्टर्ड हैं।
भारतीय सेना ने कहा कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन क्षेत्रों पर कब्जा करने का कोई प्रयास नहीं किया है जहां से वे फरवरी में छूटे थे और दोनों पक्ष क्षेत्र में शेष मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं।
राहुल गांधी ने एक गलत खबर को आधार बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोला था, लेकिन भारतीय सेना ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।
सोशल मीडिया पर खबर को अफवाह बनते देर नहीं लगती। इसी तरह से शनिवार को बॉलवीड के एक्टर विवेर ओबरॉय से जुड़ी एक झूठी खबर ने सबको हैरान-परेशान कर दिया।
कोरोना संक्रमण के इस दौर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टि्वटर, फेसबुक, व्हाट्सएप के जरिए असामाजिक तत्व अफवाह फैलाने से बाज नहीं आते हैं।
देश में चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित करने की नीयत से ईवीएम हैकिंग की फेक न्यूज फैलाने वालों पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है।
भारत सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के बीच चल रही तनातनी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। गुरुवार को केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नकली समाचारों के प्रसार के खिलाफ संसद में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को आगाह किया।
उन्होंने उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली सूचनाओं की गुणवत्ता का निर्धारण करने में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों से अधिक जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में आज कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जा रहा है। इसी बीच देश में कई जगह कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं।
मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने वाले उन वीडियो पर कतई भरोसा न करें जिनमें बेतुके आरोप लगाए गए हों।
किसानों को भड़काने के लिए जवानों के बारे में झूठ फैलाया जाए, इससे घटिया बात और क्या हो सकती है। इसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है।
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