फेसबुक ‘‘दुनिया भर में अपनी वजह से फैली नफरत और गलतफहमी’’ को नियंत्रित करने की कोशिश में है। लेकिन, फेसबुक मॉडरेटर भारतीय कानून की गलत जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपने एक लेख में ये जानकारी दी।
मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि आने वाले साल में एक स्वतंत्र संस्था बनाई जाएगी जो एक तरह से ‘‘ऊपरी अदालत’’ की तरह काम करेगी।
इन अकाउंट्स की हरकतों से चुनावों के प्रभाावित होने की संभावना थी। इनमें से कुछ पेज तो ऐसे हैं जिनके फॉलोवर्स की संख्या लाखों में है।
गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने चुनाव आयोग (EC) को आश्वासन दिया है कि उनका प्लेटफॉर्म ऐसी किसी खबर को प्रसारित नहीं करेगा जिससे चुनाव की विश्वसनीयता पर किसी तरह का असर पड़े।
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