कालरा आई हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ऑपरेशन के बाद छह मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए कालरा आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को बंद करवा दिया है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर मंगल ग्रह पर जीवन की परिकल्पना की जा रही है तो यह मानव के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। वहां मनुष्यों का रंग हरा हो जाएगा और आंखों की रौशनी चली जाएगी। जानें डिटेल्स-
क्या आप भी अपने नजर के चश्मे को अलविदा कह देना चाहते हैं? अगर हां, तो कुछ आयुर्वेदिक उपाय आपकी आंखों की सेहत के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे...
क्या आप कभी सोच भी सकते हैं कि जन्म से नेत्रहीन हो चुके या किसी हादसे में अपनी दोनों आंखें गवां देने वाले लोग भी दुनिया देख सकते हैं...शायद नहीं। मगर अब एलन मस्क की न्यूरालिंक ब्लाइंडसाइट चिप ने इसे संभव करने का दावा किया है।
क्या आप जानते हैं कि बच्चों की आंखों में काजल लगाने से क्यों मना किया जाता है? आइए काजल की वजह से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले कुछ खतरनाक साइड इफेक्ट्स के बारे में जानते हैं।
अगर आप भी अपनी आई हेल्थ को डैमेज होने से बचाना चाहते हैं तो आपको कुछ आयुर्वेदिक उपायों को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए।
पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में मोतियाबिंद का इलाज कराने गए 25 लोगों की आंख की रोशनी चली गई है। अब इस मामले पर एक हाई लेवल कमेटी गठित की गई है।
बच्चों की आंखों का कमजोर होना वाकई में चिंता का विषय है। अगर आप अपने बच्चों की आइसाइट को डैमेज होने से बचाना चाहते हैं तो आपको उनकी परवरिश के शुरुआती दौर से ही कुछ बातों पर खास ध्यान देना चाहिए।
दिन में कुछ समय धूप में रहने से न सिर्फ विटामिन डी मिलता है बल्कि इससे आपकी आंखें भी मजबूत होती है। एम्स के एक रिसर्च में पाया गया है कि जो बच्चे सूरज की रोशनी में रहते हैं उनमें दृष्टिदोष होने की संभावना कम हुई है। जानिए क्या कहती ये रिसर्च?
होली में बाजार में सिंथेटिक और रासायनिक रंगों से पटे पड़े हैं। अगर यह रंग गलती से आंखों में चले जाएं तो गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। इसलिए बाजार में मिलने वाले रासायनिक रंगों और सिंथेटिक अबीर-गुलाल से होली खेलने से बचें। बच्चों को विशेष रूप से सावधान रखें। उन्हें रासयानिक रंगों से होली नहीं खेलने दें।
कई घंटे तक स्मार्ट फोन देखते रहने की लत ने बच्चों की आंखों में मायोपिया की बीमारी बढ़ा दी है। गत 20 वर्षों में मायोपिया के मामले बच्चों में 3 गुना बढ़ गए हैं। वर्ष 2011 से 2021 के बीच सबसे ज्यादा केस बढ़े हैं। एम्स की रिपोर्ट के अनुसार कोविड के बाद बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ने से यह समस्या ज्यादा सामने आ रही है।
कुछ लोग रोजाना के अपने रूटीन में ऐसी गलती कर देते हैं जो उनकी आंखों को नुकसान पहुंचाता है। जानिए आपकी ऐसी कौन सी आदतें हैं जिससे आपकी आंखों को नुकसान होने लगता है।
डॉक्टर के मुताबिक, पटाखों से लोग दो तरह से घायल होते हैं- एक तो पटाखे का एक हिस्सा गोली की तरह निकलकर लोगों को लगता है और दूसरा बारूद से जलने से।
वायु प्रदूषण के बढ़ने से इसका सीधा असर हमारे शरीर पर होता है। जहरीली हवा सिर्फ फेफड़े और इम्यून सिस्टम को ही कमजोर नहीं कर रही बल्कि बढ़ते प्रदूषण से आंखों में जलन और खुजली की समस्या भी पैदा हो रही है।
World Sight Day 2023: आंखों की समस्याएं आजकल बढ़ गई हैं। ऐसे में इन्हें स्वस्थ रखने के लिए स्वामी रामदेव के ये टिप्स कारगर तरीके से काम कर सकते हैं। कैसे, जानते हैं।
World Sight Day 2023: हमारी गलतियों से हमारी नजर कमजोर हो सकती है। ऐसे में आज के डिजिटल युग में आंखों की रोशनी कैसे बनाए रखें ये एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में एक्सपर्ट टिप्स मददगार हो सकते हैं।
Juice for Eye sight : खराब लाइफस्टाइल और खान-पान का असर हमारी आंखों पर पड़ता और नजर कमजोर हो जाती है। अगर समय रहते आप अपनी डाइट में सुधार कर लें तो आपकी आंखों की रोशनी सुधर सकती है।
भारत सरकार अंधेपन के कारणों और रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 से 7 अप्रैल तक Prevention of Blindness Week का आयोजन करती है।
हर वक्त मोबाइल लैपटॉप से चिपके रहने से बच्चे चिड़चिड़े और लोनली हो रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम होने से उनकी ग्रोथ पर भी असर पड़ा है और सबसे बड़ा नुकसान तो आंखों को हैं। जैसे-जैसे स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे आंखों की रोशनी कम होती जा रही है।
आंख हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है, इसके बिना जिंदगी मुश्किल हो जाती है, इसलिए हमें ऐसा कुछ काम नहीं करना चाहिए जिससे आंखों की रोशनी कम हो जाए।
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