गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियां में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है। इस एक्सप्रेस-वे के लिए गंगा नदी पर (960 मीटर) और रामगंगा नदी पर (720 मीटर) जैसे बड़े सेतु का निर्माण भी होना है।
Waste Plastic: केंद्र सरकार हर रोज विकास के नए तरीके खोज रही है। उसकी कोशिश पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देश को नई दिशा देने की है। उसने हाइवे से लेकर किसी भी तरह की सड़क के निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है। यानि देश में प्लास्टिक की सड़के बनेंगी। आइए पूरी कहानी समझते हैं।
UP News: बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, बांदा, औरैया-इटावा होते हुए आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) के कॉरिडोर से भी जुड़ेगा।
मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे का भी निर्माण करवाया जिसपर अखिलेश की समाजवाद की साईकल ने खूब रफ्तार पकड़ी और अखिलेश ने चुनावी नारा दिया "काम बोलता है"। अखिलेश ने अपनी सभी चुनावी सभाओं में उनके द्वारा बनाए गए हाईवे निर्माण को विकास का मुद्दा बनाया।
पिछले महीने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन जब पीएम मोदी ने किया था, तब कहा था कि उत्तर प्रदेश में एकप्रेस वे नेटवर्क की शुरुआत है अभी आगे और भी प्रोजेक्ट यूपी को रोड कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहतर बनाएंगे, गंगा एक्सप्रेस वे उन्हीं में से एक है।
Purvanchal Expressway: लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक जाता है। इसकी लंबाई करीब 341 किलोमीटर है। यह राज्य के लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले की सीमाओं से होकर गुजरेगा।
देहरादून से दिल्ली के बीच सहारनपुर और बागपत होते हुए एक एलिवेटिड एक्सप्रेस वे बनाया जायेगा, जिसके बनने के बाद दोनों स्थानों के बीच की दूरी केवल ढाई घंटे में तय की जा सकेगी।
कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी और हरियाणा के सीएम खट्टर ने ‘आधे-अधूरे’ KMP एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर हजारों राहगीरों की जान जोखिम में डाली है।
छह लेन के एक्सप्रेसवे को आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। यह राजधानी लखनऊ को गाजीपुर से जोडेगा। भाजपा 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयत्न कर रही है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पूर्वी जिलों के विकास में सहायक होगा। इससे पूर्वांचल का इलाका राजधानी लखनऊ और फिर लखनऊ—आगरा एक्सप्रेसवे के जरिए आगरा तथा उसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक जुड जाएगा।
20 जनवरी से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल करने वालों को 570 रुपए का टोल टैक्स देना होगा।
गडकरी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली एक्सप्रेसवे परियोजना का विकास असम में ब्रह्मपुत्र नदी के पास किया जाएगा। 40,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
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