एग्री और फार्मा सेक्टर में बढ़त के बावजूद देश का निर्यात कारोबार नवंबर महीने में पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 8.74 प्रतिशत गिरकर 23.52 अरब डालर रह गया। नवंबर के महीने में कुल निर्यात में ये गिरावट पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, रसायन और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र से होने वाले निर्यात में कमी रहने की वजह से देखने को मिली है।
कंपनी ने एक बयान में कहा इसके लिए वह खानपान, दवा, उपभोक्ता उत्पाद, स्वास्थ्य उत्पाद, परिधान, गृहसज्जा, इत्यादि श्रेणी में निर्यात का विस्तार करेगी। कंपनी के मुताबिक इन क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने से नए आपूर्तिकर्ताओं के लिए अवसर पैदा होंगे।
चीन का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष रिकॉर्ड 75.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
वर्ष के पहले आठ माह में फार्मा क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस क्षेत्र का निर्यात 15 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा चावल का निर्यात 39 प्रतिशत और लौह अयस्क का 62 प्रतिशत बढ़ा है।
इस नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और निर्यात इकाईयों, संगठनों को आवश्यक निर्यात-संबंधी सहायता और सेवा उपलब्ध कराना एवं राज्य से निर्यात को बढ़ाने के लिए तकनीकी और भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
देश से निर्यात होने वाले कुल मोबाइल फोन में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 98 प्रतिशत से अधिक है।
कोविड-19 महामारी की वजह से हैंड सैनिटाइजर और इसकी बोतलों की मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। इसी के चलते बोतल डिस्पेंसर या पंप की मांग कई गुना बढ़कर 50 लाख इकाई प्रतिदिन पर पहुंच गई है।
अक्टूबर में पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके साथ ही काजू का निर्यात 21.57 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 21.27 प्रतिशत, चमड़े का निर्यात 16.67 प्रतिशत, मानव निर्मित धागे/कपड़े का निर्यात 12.8 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का निर्यात 9.4 प्रतिशत, कॉफी का निर्यात 9.2 प्रतिशत घट गया
वित्त वर्ष 2011-12 से देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के आसपास बना हुआ है। 2018-19 में यह 331 अरब डॉलर और 2019-20 में 314.3 अरब डॉलर रहा था।
देश से वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर 2020 में 24.82 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल अक्टूबर के 26.23 अरब डॉलर के निर्यात से 5.4 प्रतिशत कम है। वहीं अक्टूबर के दौरान देश का आयात भी 11.56 प्रतिशत गिरकर 33.6 अरब डॉलर रहा। वहीं देश का व्यापार घाटा पिछले साल के मुकाबले 11.76 अरब डॉलर से घटकर 8.78 अरब डॉलर रहा।
देश की कुल आबादी के करीब 16 प्रतिशत लोग उत्तर प्रदेश में रहते हैं। युवाओं की संख्या सर्वाधिक होने के नाते भरपूर मानव संपदा भी है। यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों की संख्या भी सर्वाधिक है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान 5.7 लाख डॉलर के प्याज बीज का निर्यात हुआ है। वहीं 2019-20 के पूरे वित्त वर्ष में प्याज बीज का निर्यात 35 लाख डॉलर रहा था। डीजीएफटी कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर पहले ही रोक लगा चुका है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2020 में अमेरिका को होने वाला भारत का निर्यात 5.1 अरब डॉलर रहा, यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.5 प्रतिशत अधिक है
समीक्षाधीन महीने में जापान के आयात में भी गिरावट कम हुई है। सितंबर में देश का आयात 17.2 प्रतिशत घटा है।
भारतीय चाय निर्यातक संघ के मुताबिक पिछले साल निर्यात लगभग 25.2 करोड़ किलोग्राम का हुआ था। संघ को आशंका है कि ईरान से मांग में कमी आने की वजह से निर्यात का आकार 18 करोड़ से 18.5 करोड़ किलोग्राम तक घट जाएगा
पिछले 7 महीने में पहली बार निर्यात में बढ़त दर्ज की गई है। वहीं, इस अवधि में देश का आयात 19.6 प्रतिशत घटकर 30.31 अरब डॉलर रह गया। एक साल पहले इसी महीने में यह 37.69 अरब डॉलर रहा था। सितंबर में व्यापार घाटा घटकर 2.72 अरब डॉलर रह गया।
चीन की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के बाद जल्दी खुल गई है, जिसका फायदा उसके निर्यातकों को हो रहा है। विशेषकर मास्क और चिकित्सा आपूर्ति के मामले में चीन के निर्यातकों की चांदी है
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते भारत के शीर्ष 12 बंदरगाहों पर माल की आवाजाही में सितंबर 2020 के दौरान लगातार छठे महीने गिरावट दर्ज की गई।
मूंगफली निर्यात में 35 फीसदी, रिफाइंड शुगर में 104 फीसदी, गेहूं में 206 फीसदी, बासमती चावल में 13 फीसदी और गैर बासमती चावल के निर्यात में 105 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। कृषि उत्पादों में पिछले साल के व्यापार घाटे के मुकाबले इस बार निर्यात बढ़ने से 9002 करोड़ रुपये का ट्रेड सरप्लस रहा
एसोचैम ने अपनी अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आकलन रिपोर्ट में आने वाले महीनों में इसमें और सुधार की बात कही है।
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