भारत ने चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के आरंभिक छह महीने में 42 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन का निर्यात कर लिया है और 30 सितंबर तक निर्यात 60 लाख गांठ तक होने की उम्मीद की जा रही है।
भारत से यूरोप के मालभाड़े यानी पोत परिवहन की लागत में कोरोना काल में करीब 80 फीसदी का इजाफा हुआ है। जानकारों के मुताबिक अगर मालभाड़ा में बढ़ोतरी नहीं हुई होती तो फरवरी में देश के निर्यात में और पांच से सात फीसदी की वृद्धि होती, जो कि 1 प्रतिशत से कम रही है।
देश का वाणिज्यक निर्यात लगातार तीसरे महीने वृद्धि दर्ज करते हुए फरवरी में सालाना आधार पर 0.67 प्रतिशत बढ़कर 27.93 अरब डॉलर रहा। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार फरवरी में आयात 6.96 प्रतिशत बढ़कर 40.54 अरब डॉलर पहुंच गया।
बैंक के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020- 21 के दौरान सकल निर्यात 279.4 अरब डॉलर तक रह सकता है। यह पिछले साल के मुकाबले 10.8 प्रतिशत कम होगा। इसमें गैर- तेल उत्पादों का निर्यात 256.8 अरब डॉलर रह सकता है।
उद्योग संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार, 39 लाख टन निर्यात के जो सौदे हुए हैं उसमें से 18.5 लाख टन चीनी मिलों के गोदामों से उठ चुकी है और 12.5 लाख टन देश के बाहर भी जा चुकी है। भारत ने इंडोनेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, यूएई के अलावा अफ्रीका के कई देशों को चीनी निर्यात किया है।
फरवरी के दौरान तेल का आयात 16.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8.99 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। वहीं वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान तेल का आयात 40.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.08 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है।
देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने शनिवार को कहा कि उसने संचयी रूप से 20 लाख कारों के निर्यात का लक्ष्य पार कर लिया है।
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका कच्चे तेल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन गया है, जिसने 2020 तक नवंबर के दौरान लगभग 8.4 करोड़ बैरल और लगभग 11,500 करोड़ क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस का निर्यात किया है।
जनवरी में मारुति सुजुकी का निर्यात 29.92 प्रतिशत बढ़कर 12,345 इकाइयों पर पहुंच गया। इसके बाद हुंदै मोटर इंडिया का निर्यात 19 प्रतिशत गिरकर 8,100 इकाई रहा।
भारत ने 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 1,870 करोड़ रुपये (25.2 करोड़ डॉलर)मूल्य का गेहूं निर्यात किया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में गेहूं का निर्यात 336 करोड़ रुपये (480 लाख डॉलर) मूल्य का हुआ। इस प्रकार गेहूं निर्यात में रुपये के मूल्य में 456.41 फीसदी जबकि डॉलर के मूल्य में 431.10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश का निर्यात जनवरी 2021 में सालाना आधार पर 5.37 प्रतिशत बढ़कर 27.24 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से फार्मा और इंजीनियरिंग क्षेत्र में अच्छी वृद्धि से निर्यात बढ़ा है। जनवरी के महीने में आयात भी 2 प्रतिशत बढ़कर 42 अरब डॉलर रहा।
कैबिनेट ने हाल ही में 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन विमानों का निर्माण एचएएल और प्राइवेट सेक्टर की अन्य कंपनियां मेक इन इंडिया अभियान के तहत करेंगी। ये पूरा सौदा 48 हजार करोड़ रुपये का है। वहीं इससे पहले सरकार ने जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दी है।
अभूतपूर्व मुश्किलों व चुनौतियों के बावजूद चीन के विदेश व्यापार में साल 2020 में अच्छी उपलब्धियां हासिल हुईं। चीनी राजकीय कस्टम ब्यूरो द्वारा 14 जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार चीन विश्व में आर्थिक सकारात्मक वृद्धि प्राप्त करने वाला एकमात्र मुख्य आर्थिक समुदाय बना।
यात्री वाहनों का निर्यात साल भर पहले की 7,06,159 इकाइयों की तुलना में 39.38 प्रतिशत घटकर 4,28,098 इकाइयों पर आ गया। इस अवधि में यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 12.60 प्रतिशत, दोपहिया वाहनों का निर्यात 12.92 प्रतिशत घटा है।
इस साल एक से सात जनवरी के बीच आयात भी 1.07 प्रतिशत बढ़कर 8.7 अरब डॉलर रहा जो 2020 में इसी अवधि में 8.6 अरब डॉलर था। औषधि, पेट्रोलियम और इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात सबसे ज्यादा बढ़त
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चमड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण, दिसंबर 2020 में भारत का निर्यात 0.8 प्रतिशत घटकर USD 26.89 बिलियन डॉलर रह गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चमड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण, दिसंबर 2020 में भारत का निर्यात 0.8 प्रतिशत घटकर USD 26.89 बिलियन डॉलर रह गया।
अनलॉक (Unlock) होने के बाद मुख्यमंत्री योगी द्वारा निर्यात कारोबार (Export Business) को बढ़ावा देने के बाबत लिए गए ठोस फैसलों के चलते अब फिर से यूपी का निर्यात कारोबार पटरी पर आने लगा है।
संशोधित कुरियर इम्पोर्ट्स एंड एक्सपोर्ट (इलेक्ट्रॉनिक डिक्लरेशन एंड प्रोसेसिंग) संशोधन नियम, 2020 में कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित वैक्सीन के आयात और निर्यात को बिना किसी मूल्य सीमा के अनुमति प्रदान की जाती है।
चीनी मिलों को मार्केटिंग लागत के लिए 1600 रुपये प्रति टन की मदद दी जाएगी । इसके साथ ही चीनी के ट्रांसपोर्ट के लिए 2400 रुपये प्रति टन और भारत के बंदरगाहों से चीनी के शिपमेंट के लिए 2000 रुपये प्रति टन की मदद दी जाएगी।
सरकार ने सभी तरह के प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटा लिय़ा है। कीमतों में तेज उछाल को देखते हुए सरकार ने सितंबर में प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी
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