इनोवी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को अप्रैल में मोबाइल फोन के निर्माण के लिए अनुमति दी गई थी।
बयान में कहा गया है कि माह के दौरान व्यापार घाटा 10.97 अरब डॉलर रहा, जो जुलाई, 2020 में 4.83 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 97.45 प्रतिशत बढ़कर 12.89 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
पिछले 10 वर्षों से भारतीय निर्यात लगभग 290 अरब डॉलर से 330 अरब डॉलर के बीच ऊपर-नीचे होता रहा है।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने शनिवार को कहा कि वह स्टार्टअप, कारीगरों और किसानों को निर्यात के क्षेत्र में प्रवेश में मदद करेगा।
गंतव्यों और निर्यात वस्तुओं का दायरा बढ़ाकर हम 400 अरब डॉलर के महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य को पा सकते हैं।
लंदन को निर्यात की जाने वाली खेप को गुजरात के कच्छ क्षेत्र के किसानों से लिया गया था, जबकि बहरीन की खेप पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) के किसानों से मंगवाई गई
देश का निर्यात जुलाई में 47.19 प्रतिशत बढ़कर 35.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से कुल निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
भूत झोलकिया मिर्च को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना जाता है। ये सामान्य मिर्च से 400 गुना तीखा होती है। भारत में इस मिर्च की खेती असम, नागालैंड और मणिपुर में होती है।
उत्तराखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात को मिले एक बड़े प्रोत्साहन में हरिद्वार के किसानों से प्राप्त करी पत्ता, भिंडी, नाशपाती और करेला सहित सब्जियों की पहली खेप आज संयुक्त अरब अमीरात के दुबईको निर्यात की गईं।
ओडिशा सरकार ने खारे पानी की जलीय कृषि की उपलब्ध क्षमता का दोहन करने के लिए एक गतिशील और सुविधाजनक नीति तैयार करने का फैसला किया है। इस क्षेत्र ने पिछले 10 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
अप्रैल-जून 2021 के दौरान निर्यात पिछले साल की समान अवधि के 1,259.34 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,447.71 करोड़ रुपये हो गया है। विदेशी बाजारों से मांग अच्छी रहने के संकेत हैं।
सियाम के मुताबिक दोपहिया का निर्यात पिछले तीन साल की तुलना में बेहतर रहा है, वहीं यात्री वाहनों, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात अभी 2018-19 की पहली तिमाही के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया है।
निर्यात में अच्छी वृद्धि के कारण जून में देश का निर्यात 48.34 प्रतिशत बढ़कर 32.5 अरब डॉलर हो गया।
जून में आयात भी 98.31 प्रतिशत बढ़कर 41.87 अरब डॉलर हो गया। इसके साथ व्यापार घाटा 9.37 अरब डॉलर रहा। अप्रैल-जून 2021 के दौरान, निर्यात 85.88 प्रतिशत बढ़ा।
निर्यात में सुस्ती का सामना कर रहे भारतीय चाय उद्योग का निर्यात 2021 में तीन से चार करोड़ किलो घट सकता है। इसका मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में कम लागत वाली चाय के किस्मों की उपलब्धता और मजबूत आयातक रहे देशों में व्यापार पर जारी प्रतिबंध है।
विभिन्न राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील से परिधान निर्यात को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह जल्द कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण तथा पेट्रोलियम उत्पाद जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात जून में 47.34 बढ़कर 32.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि इंजीनियरिंग, चावल, ऑयल मील और समुद्री उत्पादों समेत विभिन्न क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही में उछलकर 95 अरब डॉलर रहा।
फियो के मुताबिक ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से देश के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ने अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ अतिरिक्त रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। वहीं 8 से 10 दिनों के भीतर वाहन उद्योग के लिए फ्लेक्स इंजन बनाना अनिवार्य कर दिया जाएगा
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