पिछले 18 महीनों से लगातार गिरावट में चल रहे भारत के निर्यात में पहली बार सुधार दिखाई पड़ा है। जून में निर्यात 1.27 फीसदी बढ़कर 22.57 अरब डॉलर हो गया
सरकार के विशेष पैकेज और विपणन योजनाओं की मदद से भारत का टेक्सटाइल और अपैरल निर्यात चालू वित्त वर्ष में 50 अरब डॉलर के स्तर को छूने की उम्मीद है।
सरकार ने कहा कि निर्यात में गिरावट मई माह में रोकी जा चुकी है और अब समय है कि निर्यात को प्रोत्साहन दिया जाए।
भारत ने पिछले वर्ष अक्टूबर से शुरू हुए मार्केटिंग सीजन 2015-16 में अभी तक 16 लाख टन चीनी का निर्यात किया है। पिछले साल के मुकाबले यह से 46 फीसदी अधिक है।
ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और आसियान क्षेत्र के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को लेकर अग्रसक्रियता से काम करने अपील की है
वित्त वर्ष 2015-16 में कपड़े का निर्यात 40 अरब डॉलर रहा, जो कि 47.5 अरब डॉलर के लक्ष्य से कम है। 2015-16 के दौरान कपड़ा क्षेत्र का निर्यात 40 अरब डॉलर रहा।
खाद्य मंत्रालय ने चीनी के निर्यात पर 25 फीसदी शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है, ताकि घरेलू बाजार में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
वाहन निर्यात अप्रैल 15.87% गिरकर 2.44 लाख यूनिट रह गया। अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रमुख विदेशी बाजारों में मांग में नरमी बरकरार रहने के मद्देनजर हुआ।
अप्रैल में व्यापार घाटा आधे से अधिक घटकर 4.84 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 11 अरब डॉलर रहा था।
सरकार चीनी के 32 लाख टन के अनिवार्य निर्यात आदेश को वापस ले सकती है। साथ ही चीनी कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए आयात शुल्क भी कम कर सकती है।
नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत निर्यात वृद्धि तथा देश के आर्थिक विकास में बड़ी बाधा हैं और इसे कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एक्साइज ड्यूटी से नाराज ज्वैलर्स को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स को ड्यूटी फ्री सोना मुहैया करा सकती है।
वैश्विक मांग में कमी और पेट्रोलियम व इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में गिरावट के चलते देश का निर्यात मार्च में 5.47 फीसदी घटकर 22.71 अरब डॉलर रह गया।
भारत वस्तुओं के निर्यात के मामले में दुनिया के शीर्ष 30 निर्यातक देशों में 19वें पायदान पर बना हुआ है। डब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट में यह कहा गया है।
फरवरी में सोने का आयात 29.49 फीसदी घटकर 1.39 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले जनवरी में इसमें तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। आयात कम होने से कैड पर अंकुश लगेगा है।
पेट्रोलियम तथा इंजीनियरिंग वस्तुओं के एक्सपोर्ट में गिरावट के कारण देश का कुल वाणिज्यिक निर्यात फरवरी में 5.66 फीसदी घटकर 20.73 अरब डॉलर के बराबर रहा
राजन ने कहा कि निर्यात सिर्फ उत्पादकता में बढ़ोतरी, बुनियादी ढांचे में सुधार और नियमों को आसान बनाकर ही बढ़ाया जा सकता है जो सरकार के दायरे में है।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स ने केंद्र से गैर-चांदी की ज्वैलरी पर एक फीसदी ड्यूटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
भारत लगातार तीसरे साल भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा है। पूरी दुनिया में हथियार आयात करने के मामले में भारत की 14 फीसदी हिस्सेदारी रही।
भारत के एक्सपोर्ट में जनवरी के दौरान भी गिरावट का रुख रहा। यह लगातार 14वां महीना है, जब एक्सपोर्ट में गिरावट आई है।
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