निर्यात में 12.51% की गिरावट के मुकाबले आयात में 47.59% की गिरावट
लॉकडाउन के कारण आपूर्ति व्यवस्था संबंधी मसले के कारण अमेरिका और मेक्सिको जैसे बाजारों में निर्यात में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
पीपीई किट कोविड-19 संक्रमित लोगों के इलाज में लगे चिकित्सा कर्मियों द्वारा पहनी जाती है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्रालय से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट के निर्यात की अनुमति देने का अनुरोध किया है, क्योंकि अब देश में इनका अधिक मात्रा में उत्पादन हो रहा है।
भारत-चीन सीमा झड़पों और इसके बाद दोनों पक्षों में चल रही तनातनी के मद्देनजर भारतीय व्यापार और उद्योग की सबसे बुरी आशंकाएं सच होती दिख रही हैं।
इलेक्ट्रॉनिक, दूरसंचार, कपड़ा, वस्त्र, चमड़ा और जूते, खाद्य उत्पाद और कृषि, वाहन, इस्पात तथा दवा क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के लिए यूरोपीय बाजारों में काफी संभावनाएं हैं।
चीनी निर्यातक संगठनों का अनुमान है कि इस साल निर्यात रिकॉर्ड 55 लाख टन संभव
मई में निर्यात पिछले साल के मुकाबले 36 फीसदी कम रहा
पीपीई के वैश्विक निर्यात बाजार के अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से अधिक के होने का अनुमान
मार्च के महीने में चाय के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज हुई
सरकार ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल में भी आयात और निर्यात दोनों में गिरावट रही। जापान की आर्थिक वृद्धि उसके व्यापार और पर्यटन पर निर्भर करती है।
अप्रैल-मई में निर्यात 47.54 प्रतिशत घटकर 29.41 अरब डॉलर
जून के पहले हफ्ते में निर्यात पिछले साल की इसी अवधि के बराबर
वैश्विक जिंस निर्यात में चीन का पांचवां हिस्सा है और वहां गिरावट से प्राथमिक वस्तुओं पर भारी असर होगा।
सबसे ज्यादा असर रत्न-आभूषण, चमड़ा उद्योग पर देखने को मिला है।
घरेलू मांग पूरी करने के बाद निर्यात को मंजूरी पर विचार संभव
अनुपालन सुनिश्चित करते हुए लॉकडाउन की अवधि के दौरान कारोबार सुगमता तथा परेशानी मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है।
पहली 3 तिमाही में बढ़त के बाद मार्च तिमाही में दवाओं के निर्यात में दर्ज हुई गिरावट
विदेशी मुद्रा भंडार देश के करीब एक साल के आयात लिए पर्याप्त
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