मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्र प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं, एक्सपोर्ट बास्केट में मशीनरी की हिस्सेदारी 2014 में 3.8 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 6.9 प्रतिशत हो जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक्स 2014 में 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 7.9 प्रतिशत हो जाएगी।
भारत के सेवा क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि दो श्रेणियों - सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाएं, तथा अन्य व्यावसायिक सेवाएं (ओबीएस) से आती है। पिछले वित्त वर्ष में इनका कुल निर्यात में 86.4 प्रतिशत योगदान रहा।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान निर्यात 3. 18 प्रतिशत बढ़कर 252. 28 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 5. 77 प्रतिशत बढ़कर 416. 93 अरब डॉलर हो गया।
चीन को निर्यात आलोच्य अवधि में बढ़कर 6.91 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2023-24 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.63 अरब डॉलर था। अमेरिका 2023-24 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
भारत ने अन्य देशों के साथ मिलकर डब्ल्यूटीओ में यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर सुरक्षा शुल्क को 2026 तक बढ़ाने के कदम पर चिंता जताई है।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने पहले कहा था कि भारत वर्तमान में मादक पेय पदार्थों के निर्यात के मामले में दुनिया में 40वें स्थान पर है। प्रमुख निर्यात गंतव्यों में संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा शामिल हैं।
अगस्त 2024 में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, नेपाल, बेल्जियम और तुर्की को होने वाले निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान यूएई, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड, वियतनाम और ताइवान से आयात में बढ़ोतरी हुई है।
अमित शाह ने कहा कि हमने पीएम-किसान के तहत 70वीं किस्त वितरित की है। अब तक 12.33 करोड़ किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
देश का अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का निर्यात 2023-24 में 2,200 करोड़ रुपये से अधिक रहा। सबसे अधिक निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या, रवांडा जैसे देशों को किया गया।
सरकार आठ राज्यों में एफएमडी मुक्त क्षेत्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां उन्नत टीकाकरण प्रयास चल रहे हैं। इस रणनीतिक कदम से भारतीय पशु उत्पादों के लिए निर्यात अवसरों के विस्तार का मार्ग प्रशस्त होगा।
तेल वर्ष 2023-24 के पहले नौ महीनों में भारत ने 15,18,671 टन रिफाइंड खाद्य तेल का आयात किया, जो पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि के दौरान आयात किए गए 16,40,960 टन से सात प्रतिशत कम है।
डीजीएफटी ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अनुरोध पर यह फैसला लिया गया है। ताजा अपडेट में कहा गया है कि अंतरिम अवधि में 27 मई का नोटिस जारी होने से पहले मौजूद अवशिष्ट मानदंड ही लागू रहेंगे।
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने "मेक इन इंडिया" जैसी कई नीतिगत पहल की है और पिछले 10 वर्षों में इसमें कई आर्थिक सुधार किए हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात लगभग 200 अरब डॉलर रहा है। जून में कच्चा तेल आयात 19.62 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर हो गया।
देश का माल और सेवाओं का निर्यात 2017-18 में 478 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 778 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। सभी एमएसएमई निर्माता निर्यातकों को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज समतुल्यकरण लाभ प्रदान करती है।
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार होता है। जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
भारत की शीर्ष निर्यात वस्तुओं में पेट्रोलियम उत्पादों का वर्चस्व है, स्मार्टफोन ने मोटर गैसोलीन की जगह ले ली और वित्त वर्ष 2024 में चौथी सबसे बड़ी निर्यात की जाने वाली वस्तु बन गई।
वाणिज्य मंत्रालय की शाखा विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) पहले से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय सहित संबंधित मंत्रालयों के साथ ई-वाणिज्य माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों पर काम कर रही है।
India export in March : भू-राजनीतिक तनावों के चलते मार्च में भारत का एक्सपोर्ट घटकर 41.68 अरब डॉलर रह गया। वहीं, देश का आयात 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रह गया।
मालदीव के विदेश मंत्री ने लिखा, “मैं वर्ष 2024 और 2025 के दौरान मालदीव को भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए कोटा के नवीनीकरण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।”
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