रूस के ऊर्जा मंत्री निकोलाई शुलगिनोव ने शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग में कहा कि पाकिस्तान को तेल की डिलीवरी शुरू हो गई है। हालांकि, पाकिस्तान को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है।
मात्र 10 साल में रक्षा निर्यात के मोर्चे पर 23 गुना की वृद्धि वैश्विक रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की बढ़ती धाक को प्रदर्शित करती है।
एक बयान के अनुसार, भारत में आपूर्तिकर्ताओं का अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र 2027 तक भारत से सालाना 10 अरब डॉलर का सामान निर्यात करने के वॉलमार्ट के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) आधिकारिक तौर पर पिछले साल एक मई को लागू हुआ था।
यूरोप रूस से अपने इस्तेमाल का 30 फीसदी तेल खरीदता था। लेकिन जंग शुरू होने के बाद प्रतिबंध लग जाने के कारण वे रूस से तेल नहीं खरीद पाए और उनके यहां तेल की किल्लत हो गई। यूरोपीय देशों की इसी किल्लत को भारत पूरा कर रहा है।
श्रीलंका से चीन को भेजे जाने वाले एक लाख बंदरों के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। चीन ने श्रीलंका से एक हजार चिड़ियाघरों के लिए बंदरों की डिमांड की है।
मुख्य रूप से पेट्रोलियम, औषधि, रसायन तथा समुद्री उत्पादों के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से निर्यात अच्छा रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यात 422 अरब डॉलर था।
स्मार्टफोन एक्सपोर्ट को लेकर जो आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट भारत में दोगुना रहा। इतना ही लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से भारत अब दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बनाने वाले देश बन गया है।
अपने दोस्त रूस को फायदा पहुंचाने और खुद भी लाभ कमाने के लिए भारत ने नई तरकीब निकाली। वह रूसी तेल का कई गुना आयात बढ़ा चुका है। अब इसी रूसी कच्चे तेल को भारत की तेलशोधक कंपनियों ने प्रोसेस करके यूरोप को बेच दिया।
Recession in India: देश और दुनिया में मंदी के आसार दिखाई देने शुरू हो गए हैं। भारत को लेकर भी एक तस्वीर सामने आई है। देश से एक्सपोर्ट होने वाले माल में भारी गिरावट देखी गई है। यहां पूरी रिपोर्ट पढ़ें।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल वस्तु निर्यात 7.5 प्रतिशत बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 18.82 प्रतिशत बढ़कर 653.47 अरब डॉलर हो गया।
भारत पिछले वित्त वर्ष के निर्यात आंकड़े को पार करने में सफल रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में वस्तु निर्यात तीन-पांच प्रतिशत बढ़त के साथ 435-445 अरब डॉलर तक रह सकता है।
देश का वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह अप्रैल, 2022-जनवरी, 2023 के दौरान 8.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 369.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
व्यापार के लिहाज से नीदरलैंड भारत के लिए तीसरा बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है। आंकड़ों के अनुसार नीदरलैंड को होने वाले भारतीय निर्यात में 69 फीसदी की जबरदस्त वृद्धि हुई है। इससे भारतीय बाजार काफी उत्साहित है।
Exports Increased in India Despite Global Recession: वैश्विक मंदी से भारत के पड़ोसी श्रीलंका और पाकिस्तान कंगाल हो चुके हैं। चीन की आर्थिक हालत भी पतली चल रही है। इस वक्त चीन 40 वर्ष की सबसे बड़ी मंदी की आग में झुलस रहा है। वहीं यूरोप के धनाढ्य देश ब्रिटेन, जर्मनी इत्यादि की हालत भी बदतर है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश का कुल निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 332.76 अरब डॉलर रहा। आयात भी 24.96 प्रतिशत बढ़कर 551.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
घरेलू इस्पात उद्योग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इस्पात उत्पादों और लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क में कटौती की है।
रुपये का गिरना निर्यातकों के लिए सुनहरा अवसर माना जाता है। लेकिन मंदी और महंगाई के इस दौर में निर्यातक इस स्वर्णिम मौके को भी नहीं भुना सके और आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गई है।
पैकेजिग सेक्टर का देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी की दृष्टि से पांचवां स्थान है। पैकेजिंग इंडस्ट्री कई उद्योगों के लिए वैल्यू एडेड सेवाएं (वैल्यू एडेड सर्विसेज) देती है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मा, रिटेल, एफएमसीजी जैसे कई नाम शामिल हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया 1.31 लाख से अधिक वाहनों के निर्यात के साथ इस खंड में सबसे आगे रही।
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