वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात लगभग 200 अरब डॉलर रहा है। जून में कच्चा तेल आयात 19.62 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर हो गया।
देश का माल और सेवाओं का निर्यात 2017-18 में 478 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 778 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। सभी एमएसएमई निर्माता निर्यातकों को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज समतुल्यकरण लाभ प्रदान करती है।
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार होता है। जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
भारत की शीर्ष निर्यात वस्तुओं में पेट्रोलियम उत्पादों का वर्चस्व है, स्मार्टफोन ने मोटर गैसोलीन की जगह ले ली और वित्त वर्ष 2024 में चौथी सबसे बड़ी निर्यात की जाने वाली वस्तु बन गई।
वाणिज्य मंत्रालय की शाखा विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) पहले से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय सहित संबंधित मंत्रालयों के साथ ई-वाणिज्य माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों पर काम कर रही है।
India export in March : भू-राजनीतिक तनावों के चलते मार्च में भारत का एक्सपोर्ट घटकर 41.68 अरब डॉलर रह गया। वहीं, देश का आयात 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रह गया।
मालदीव के विदेश मंत्री ने लिखा, “मैं वर्ष 2024 और 2025 के दौरान मालदीव को भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए कोटा के नवीनीकरण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।”
काला नमक गैर-बासमती चावल की एक किस्म है, जिसका एक्सपोर्ट (निर्यात) प्रतिबंधित है। इसे बेहतर पोषण मूल्य के कारण जाना जाता है। काला नमक चावल अपनी गुणवत्ता विशेषताओं के कारण एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
भारत सरकार की ओर से अन्य देशों के साथ किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौते का असर निर्यात पर भी देखने को मिलेगा। 2030 तक भारत का निर्यात 1 ट्रिलियन पहुंचने की उम्मीद है।
सरकार ने आठ दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। रबी सत्र, 2023 में प्याज का उत्पादन 2.27 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
फियो के मुताबिक, समस्याओं के बावजूद फरवरी में निर्यात लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 41.40 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। फियो ने कहा कि छोटी और मझोली इकाइयां अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, उन्हें लोन से संबंधित कुछ मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ ही इजराइल-हमास संघर्ष के चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित हुई हैं। लाल सागर संकट के कारण परिवहन लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
किसी उत्पाद को जीआई पहचान मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से समान वस्तु नहीं बेच सकती है। यह पहचान 10 वर्षों की अवधि के लिए वैध है, जिसके बाद इसका नवीनीकरण कराया जा सकता है।
इसके अलावा इस अवधि में प्रोसेस्ड सब्जियों के निर्यात में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बाद विविध प्रोसेस्ड वस्तुओं, बासमती चावल और ताजी सब्जियों के निर्यात में भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पर्याप्त वृद्धि हुई।
नकद धन वापसी से समुद्री, चमड़ा, रत्न व आभूषण, कृषि और इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक, मोटर वाहन, मशीनरी और प्लास्टिक जैसे रोजगार-उन्मुख क्षेत्रों के हजारों निर्यातकों को मदद मिलेगी।
Export Data: भारत के व्यापारिक घाटे में दिसंबर 2023 में कमी देखने को मिली है। इस दौरान आयात में कमी आई है। वहीं, निर्यात बढ़ा है।
भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद जुलाई, 2023 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार ने अक्टूबर, 2023 में चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था।
चीनी अर्थव्यवस्था के लिये चुनौतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 2016 के बाद पहली बार किसी साल में चीन का निर्यात घटा है। चीन की अर्थव्यवस्था अपस्फीति के दबाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है।
हूतियों के हमलों में अहम बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों को निशाना बनाया गया है। बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य एशिया और यूरोप को जोड़ता है। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने जहाज यातायात की सुरक्षा के लिए ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ का गठन किया है और वर्तमान में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के युद्धपोत इस क
भारत अपने पारंपरिक दोस्त के साथ कई वर्षों से कारोबार कर रहा है। लेकिन हाल के समय में इसमें कमी आई है। इजराइल हमास की जंग और मिडिल ईस्ट के देशों को रूस और चीन जैसे देशों द्वारा सपोर्ट करना भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
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