भारत के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर्स कनाडा में छिपे हुए हैं और भारत के खिलाफ खालिस्तानी एजेंडा चलाकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। वोट बैंक के चक्कर में वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी कुछ नहीं बोलते।
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को 75 साल पूरे हो चुके हैं और अब इस संगठन की नजर शतक की तरफ है। आइए, जानते हैं पार्टी का अब तक का शासन कैसा रहा 100 साल का शासन पूरा करने के लिए उसके सामने क्या चुनौतियां होंगी।
हालही में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को जब जमानत मिली तो सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर चर्चा हुई कि लंबे समय तक जेल में रहने के बाद बेदाग बरी होने वाले आरोपियों को मुआवजा मिलना चाहिए या नहीं।
अगर भारत यूएन की सुरक्षा परिषद का सदस्य बन जाता है तो वह वैश्विक पटल पर काफी मजबूत हो जाएगा और हमेशा आंखे दिखाने वाले चीन के समकक्ष खड़ा होकर उसे ललकार सकेगा।
दिल्ली में आतिशी की सरकार है। जो साल 2020 में बनी केजरीवाल की सरकार से काफी मायनों में अलग है। यहां जानिए कि इस सरकार और केजरीवाल की साल 2020 की सरकार में क्या अंतर है।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश नजर आ रहा है। इस बीच कुछ शब्दों की चर्चा काफी हो रही है, जिनका नाम एनिमल टैलो, लार्ड और फिश ऑयल है। आखिर इन शब्दों का मतलब क्या है?
सीताराम येचुरी के शव को उनकी इच्छा के मुताबिक, एम्स को दान किया जाने वाला है। इस दौरान उनके शव का हॉस्पिटल में क्या होगा, इस एक्सप्लेनर में हम यही बता रहे हैं।
हाल ही में ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को प्रशासनिक सेवाओं से मुक्त कर दिया गया। पूजा खेडकर पर किन नियमों के तहत कार्रवाई की गई, और इसमें क्या-क्या शर्तें हैं? आइये इन सभी नियमों के बारे में जानते हैं...
भारत सरकार देश में तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रॉनिक्स वेस्ट के निपटारे के लिए जल्द ही रिपेयरिबिलिटी इंडेक्स लागू करने वाली है। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस को नई लाइफ मिल सकती है।
नामीबिया सैकड़ों जानवरों को मारने की योजना बना रहा है। इसके पीछे की वजह चौंकाने वाली है। दरअसल यहां सूखा पड़ा हुआ है और वह इन जानवरों को मारकर उनके मांस से आबादी की भूख का संतुलन बनाना चाहता है।
जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने को लेकर सियासी गलियारों में अक्सर चर्चा होती है। लेकिन साल 2011 के जातिगत जनगणना के आंकड़ों को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित कर दिया गया है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने यह फैसला लिया है। इस लेख में हम जानने की कोशिश करेंगे कि तनखैया का मतलब क्या है और क्यों सुखबीर बादल पर अकाल तख्त ने यह एक्शन लिया ।
हिडन या स्पाई कैमरे का इस्तेमाल करके इन दिनों अपराध किए जा रहे हैं। होटल के कमरों से लेकर वॉशरूम में स्पाई कैमरा लगाकर प्राइवेट वीडियो लीक किए जाते हैं। आप खुद को शिकार होने से बचा सकते हैं। इसके लिए आप अपने स्मार्टफोन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
Volt Typhoon: चीनी हैकिंग ग्रुप्स के निशाने पर इन दिनों कई अमेरिकी और IT कंपनियां हैं। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने ऐसे ही चीन के हैकिंग वाले तूफान के बारे में आगाह किया है और बताया है कि यह तूफान कई कंपनियों के सिस्टम में सेंध लगा चुका है।
सिनेमा इंडस्ट्री में काम कर रहे मेल एक्टर-डायरेक्टर्स और इंफ्लुएंशियल लोगों पर अक्सर कास्टिंग काउच और यौन शोषण जैसे आरोप लगते रहे हैं। मीटू मूवमेंट के दौरान भी कई फीमेल कलाकारों और इंडस्ट्री में काम कर रही महिलाओं ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे और अब हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद साउथ सिनेमा पर सवाल उठ रहे हैं।
कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप और मर्डर केस में अब संदिग्धों से पूछताछ के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट का सहारा लिया जा रहा है। आइये जानते हैं पॉलीग्राफ टेस्ट से किस तरह से इस केस की गुत्थी सुलझाई जा सकती है और ये कैसे काम करता है।
पाकिस्तान में स्लो इंटरनेट इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। स्लो इंटरनेट की वजह से पाकिस्तान की पूरी दुनिया में फजीहत हो रही है। वहीं, सरकार ने इसके लिए वहां की जनता को ही दोषी बना दिया है।
Broadcasting Service Regulation Bill 2024 को केन्द्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव ने संसद में प्रपोज किया है, जिसके बाद से इस बिल को लेकर इंडिविजुअल कॉन्टेंट क्रिएटर्स और डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स की टेंशन बढ़ गई है।
क्या आपने कभी टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का नाम सुना है, आखिर ये क्या होते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में इनके इस्तेमाल की आशंका अचानक क्यों तेज हो गई है। अगर युद्ध में इनका इस्तेमाल हुआ तो कितनी बड़ी तबाही हो सकती है। परमाणु बमों से टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन किस तरह अलग हैं।
AI Hallucination: चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव एआई चैटबॉट के जरिए गलत और भ्रामक जानकारियां फैलाए जाने वाले कई मामले सामने आए हैं। टेक कंपनियों के लिए यह एक चिंता का विषय बनती जा रही है। कई मामलों में गलत जानकारी फैलाए जाने की वजह से कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
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