क्या आप भी इस बात से बेखबर हैं कि लड़कियां अपने पार्टनर से किस तरह की उम्मीदें लगाकर रखती हैं? आइए जानते हैं कि ज्यादातर लड़कियां अपने पार्टनर से क्या चाहती हैं?
बजट- 2023 जल्द ही आने वाला है, वहीं कृषि क्षेत्र को इस बजट से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। बता दें कि पूर्ववत में सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था, जिसको पूरा करने के लिये सरकार की ओर बेहतर कदम भी उठाये गये थे। इसके साथ ही बीते सालों की अपेक्षा सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिये आवंटन को भी बढ़ाया है,
WHO Life Expectancy Report:जीवन जीने की प्रत्याशा मामले में भारत की विश्व में 117वीं रैंकिंग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं में जीवन की प्रत्याशा पुरुषों से कहीं अधिक है।
SCO Summit Samarkand: भारत और चीन सीमा पर इस दौरान तनातनी के हालात शांतिपूर्ण माहौल में बदलने लगे हैं। दोनों ही देश वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने-अपने सैनिकों की वापसी कराने लगे हैं। अस्थाई ढांचे भी ढहाए जा रहे हैं।
कोरोना संकट और अब महंगाई से आम आदमी पर दोतरफा मार पड़ी है।इस बाजट में आम आदमी के हाथ में खर्च के लिए अधिक पैसा पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है।
रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके।
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।
RERA, वस्तु एवं सेवा कर (GST) और नोटबंदी जैसे विभिन्न सुधारों से बुरी तरह प्रभावित रियल्टी सेक्टर को बजट में कर की कम दरें तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र का दर्जा जैसी राहतों की उम्मीद है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार पांचवीं बार आम बजट संसद में पेश करेंगे और अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि यह बजट बुनियादी ढांचे और ग्रामीण क्षेत्र पर केंद्रित होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में सर्विस टैक्स की दरों को बढ़ कर 16-18 प्रतिशत के बीच करने का प्रस्ताव कर सकते हैं। वर्तमान दर 15% है।
रेल यात्रा को अधिक तेज और सुरक्षित बनाने के लिए इस बार बजट में दिल्ली से हावड़ा और मुंबई मार्ग पर रेल लाइनों की बाड़बंदी की घोषणा कर सकती है।
रियल एस्टेट सेक्टर के इतिहास के पन्नों में साल 2016 काफी बदलाव भरा रहा, रियल एस्टेट बहुत सारी घोषणाओं पर सवार होकर उबड़ खाबड़ रास्तों पर इधर-उधर लुढ़कता दिखा।
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