रूस ने शनिवार से ऑस्ट्रिया को गैस सप्लाई बंद करने की सूचना दे दी है। उसका कहना है कि वह यूक्रेन से होकर जाने वाली पाइपलाइन के जरिये अब गैस सप्लाई नहीं करेगा। इस रास्ते से यूरोप के तमाम देशों को रूस गैस सप्लाई करता है। मगर जनवरी से उसे वह पूरी तरह बंद कर देगा।
अमेरिका में ट्रंप की वापसी ने यूरोप की बेचैनी बढ़ा दी है। कई मामलों में यूरोपीय संघ को ट्रंप की सख्ती की आशंका सताने लगी है। ऐसे में सभी यूरोपीय नेताओं ने एकजुटता का आह्वान किया है।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतते ही यूरोपीय संघ के देशों तहलका मच गया है। यूरोपीय संघ के 2 सबसे ताकतवर देश फ्रांस और जर्मनी ने ट्रंप की नीतियों के मद्देनजर अभी से देशों को एकजुट और सतर्क रहने का आह्वान करना शुरू कर दिया है।
Apple का एक और प्रोडक्ट अब यूरोपीय यूनियन कमीशन के निशाने पर है। कमीशन ने अमेरिकी टेक कंपनी को निर्देश देते हुए कहा है कि एप्पल को डिजिटल मार्केटिंग एक्ट के नियमों का पालन करना होगा।
यूरोप में 80 लाख कमाने वाला टेक कर्मी बेंगलुरु लौटने का सोच रहा है। लेकिन कम सैलरी और जीवन स्तर को लेकर वह दुविधा में है। ऐसे में उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों से भारत लौटने पर उनकी राय मांगी। जिसके बाद लोगों ने भारत में वर्क कल्चर को लेकर शख्स को चेताया और उसे भारत ना लौटने की सलाह दी।
कई देशों में बाहरी लोगों की भीड़ ने वहां की व्यवस्था को चौपट कर दिया है। ऐसे में ये देश अब बाहरी लोगों और शरणार्थियों से अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं। इसलिए देश छोड़ने वालों को 28 लाख रुपये तक का ऑफर दिया जा रहा है।
जेलेंस्की ने रूस पर विजय योजना पेश कर दी है। मगर उनका यह प्लान उसके कई सहयोगियों के गले नहीं उतर रहा। अमेरिका ने भी कह दिया है कि उनकी योजना का मूल्यांकन करना हमारा काम नहीं है।
इजरायल-ईरान युद्ध के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने पश्चिमी एशिया में युद्ध और संघर्ष के हालात पैदा करने के लिए अमेरका और यूरोपीय देशों को दोषी माना है। खामेनेई का कहना है कि अगर ये दोनों पक्ष रास्ते से हट जाएं तो पश्चिम एशिया में युद्ध व संघर्ष समाप्त हो सकता है।
इंग्लिश चैनल पार करते वक्त 8 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उत्तरी फ्रांस की ओर से यह लोग नाव के जरिये इंग्लिश चैनल पार करते हुए ब्रिटेन में अवैध रूप से प्रवेश करने के फिराक में थे। मगर नौका समंदर की ऊंची लहरों का शिकार हो गई।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और और मजबूत नेतृत्व ने एक और कमाल कर दिखाया है। भारत और पोलैंड के रिश्ते अब रणनीतिक साझेदारी में बदलने जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच किसी यूरोपी देश के साथ यह साझेदारी काफी अहम मानी जा रही है।
आसियान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की, समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ वार्तालाप और द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कई अहम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
यूरोपीय देशों की शतरंजी चाल ने पुतिन को बेहद मुश्किल में फंसा दिया है। अब रूस की संपत्तियों से अर्जित पैसा का इस्तेमाल उसके ही खिलाफ जंग लड़ने के लिए यूक्रेन को दिया जा रहा है। दरअसल रूसी पैसे को जब्त करके यूरोप ने उसके ब्याज की राशि को यूक्रेन को देने का ऐलान किया है।
सीएसई के जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाली अवंतिका गोस्वामी ने कहा कि यूरोपीय संघ को सीबीएएम के दायरे में आने वाली वस्तुओं का भारत से निर्यात 2022-23 में ईयू को होने वाले कुल माल निर्यात का 9.91 प्रतिशत था।
Euro Cup 2024: यूरो कप 2024 के फाइनल मुकाबला 2 टॉप फुटबॉल टीमें स्पेन और इंग्लैंड के बीच खेला गया जिसमें स्पेन ने इसे 2-1 से अपने नाम करने के साथ 12 साल बाद इस ट्रॉफी को जीतने में कामयाबी हासिल की है।
भारत और रूस की दोस्ती की गहराई का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है। दोनों देश जमीन से आसमान तक और समुद्र से पाताल तक एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र हैं। विभिन्न वैश्निक परिस्थियों में भारत और रूस के बीच अटूट दोस्ती की धार कभी कम नहीं होने पाई। अब पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन लगातार तीसरी जीत दर्ज कर इतिहास रच चुके हैं।
लगातार तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का क्रेज यूरोपीय देशों में और भी बढ़ गया है। पीएम मोदी अगले हफ्ते यूरोप की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान वह रूस और ऑस्ट्रिया के दौरे पर होंगे। दोनों ही देश पीएम मोदी के स्वागत की बड़ी तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी से मिलने को बेहद उत्सुक हैं।
जी7 देशों ने भारत को सबसे बड़ा तोहफा दिया है। इसके जरिये अब भारत सड़क मार्ग के साथ ही साथ अब रेल मार्ग के जरिये भी सीधे यूरोप से जुड़ जाएगा। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) परियोजना के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन तंत्र की परिकल्पना की गई है।
इटली के जी7 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय देशों में अवैध प्रवासन और मानव तस्करी का मुद्दा छाया रहा। जी7 देशों के नेताओं ने इसका समुचित प्रबंध करने के पक्ष में एकजुटता जाहिर की। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध में जेलेंस्की को सहायता, गाजा युद्ध, एआई, जलवायु परिवर्तन और चीनी औद्योगिक क्रांति जैसे मुद्दे अहम रहे।
जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूरोप ने रूस के खिलाफ एक बड़ा फैसला किया है। इसके मुताबिक यूरोप के साथ अमेरिका अपने देशों में रूस की उन संपत्तियों को जब्त रखेगा, जब तक कि पुतिन यूक्रेन पर हमले की क्षतिपूर्ति नहीं देते हैं।
एक मामले में यूरोपीय संघ की अदालत की अवमानना करना हंगरी को भारी पड़ गया है। यूरोपियन यूनियन कोर्ट ने हंगरी पर 21.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया है। अगर इस बार भी अदालत के आदेशों की अनदेखी की गई तो सजा और बढ़ सकती है।
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