रूसी राष्ट्रपति पुतिन की कथित हत्या के प्रयास के मद्देनजर क्रेमलिन पर हुए ड्रोन हमले ने यूक्रेन पर भीषण पलटवार की आशंका बढ़ा दी है। इससे सिर्फ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ही नहीं, बल्कि पूरा यूरोपीय संघ घबरा गया है। अमेरिका भी रूस के पलटवार की आशंका को भांप चुका है।
यूरोप रूस से अपने इस्तेमाल का 30 फीसदी तेल खरीदता था। लेकिन जंग शुरू होने के बाद प्रतिबंध लग जाने के कारण वे रूस से तेल नहीं खरीद पाए और उनके यहां तेल की किल्लत हो गई। यूरोपीय देशों की इसी किल्लत को भारत पूरा कर रहा है।
भारत का दबदबा दुनिया पर हर रोज बढ़ता जा रहा है। हाल ही में आए एनालिटिक्स फर्म केपलर के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। भारत इस महीने रिफाइंड ईंधन का यूरोप का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है।
ताइवान पर वाशिंगटन के रुख की तरह, यूक्रेन पर हमले को लेकर चीन की स्थिति‘‘रणनीतिक अस्पष्टता’’ का एक उदाहरण रही है। चीन ने लगातार संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के महत्व पर जोर दिया है, जबकि आक्रमण की निंदा करने में विफल रहा है और मॉस्को को ‘‘बेहद दोस्ती’’ का आश्वासन दिया है।
रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद पीएम मोदी के दोस्त राष्ट्रपति पुतिन उस वक्त बेहद परेशान हो गए थे, जब पश्चिमी देशों ने रूस पर यूक्रेन हमले का दोषी मानते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे और इसमें रूस के कच्चे तेल पर प्राइस कैप भी शामिल था। इससे रूस की अर्थव्यवस्था डांवाडोल होने का खतरा था। मगर दोस्त भारत ने उसे संभाल लिया।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि अगर पश्चिमी देश रूस के अनाज निर्यात की बाधाओं को दूर करने में नाकाम रहते हैं तो मास्को उस समझौते से बाहर निकल सकता है जो यूक्रेनी अनाज को वैश्विक बाजारों में भेजने की अनुमति देता है।
अपने दोस्त रूस को फायदा पहुंचाने और खुद भी लाभ कमाने के लिए भारत ने नई तरकीब निकाली। वह रूसी तेल का कई गुना आयात बढ़ा चुका है। अब इसी रूसी कच्चे तेल को भारत की तेलशोधक कंपनियों ने प्रोसेस करके यूरोप को बेच दिया।
यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच अब रूस भारत के साथ मिलकर एक ऐसा कदम उठाने जा रहा है, जिसके बारे में जानकर अमेरिका समेत पूरे यूरोप में खिन्नता आ सकती है। यूक्रेन युद्ध को लंबा खींचते देख और अमेरिका व यूरोप की भागीदारी के मद्देनजर रूस ने अपनी अद्यतन विदेश नीति का ऐलान किया है।
बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की औचक यूक्रेन यात्रा के 24 घंटे के अंदर ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे।
रूस और यूक्रेन युद्ध के 24 फरवरी को 1 वर्ष हो जाएंगे। मगर अभी तक यह किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। इधर युद्ध लंबा खिंचने के लिए रूस ने पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया है। रूस का कहना है कि अमेरिका और पश्चिमी देश नहीं चाहते कि यूक्रेन युद्ध खत्म हो।
रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए 1 वर्ष होने को हैं, लेकिन अभी तक इस तबाही का कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा। पश्चिमी देश और यूरोपीय संघों की ओर से अब तक युद्ध को रोकने की कोई पहल नहीं की गई है। यही वजह है कि इस युद्ध का अब तक कोई शांति का रास्ता नहीं खोजा जा सका है।
पश्चिमी देशों की लामबंदी देखने के बाद रूस ने कहा है कि पश्चिमी देश मिलकर उसे नष्ट करना चाहते हैं। इसीलिए वह यूक्रेन को लगातार हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं। मगर रूस हर हाल में अपनी रक्षा करेगा। वह अपनी पहचान और भविष्य की रक्षा करने में सक्षम है।
ब्रिटेन की यात्रा पर निकले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को यूरोपीय संघ के 27 देशों ने रूस के खिलाफ जंग में खुला समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे रूस-यूक्रेन की जंग और अधिक भीषण हो जाने की आशंका बढ़ गई है। दोनों देशों के बीच 24 फरवरी 2022 को युद्ध की शुरुआत हुई थी। अब इसके एक वर्ष पूरे होने को हैं।
यूक्रेन पर लगातार हमला जारी रखने के चलते यूरोपीय देशों ने अब रूस पर नया प्रतिबंध लगा दिया है। इससे रूस के साथ ही साथ अन्य देशों की भी मुश्किलें बढ़नी तय हैं। यूरोपीय देशों ने रूस से डीजल एवं अन्य शोधित तेल उत्पादों पर रविवार को प्रतिबंध लगाने के साथ ही यूक्रेन पर हमला करने के लिए उसकी आर्थिक रूप से घेराबंदी तेज कर दी।
देश के आंतरिक मामलों में यूरोपीय देशों द्वारा दखल किए जाने का आरोप लगाकर ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतवानी भी दे डाली है। ईरान का कहना है कि यूरोपीय देशों की दखल के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की जा रही है। आंतरिक मामलों में दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
European Union gave 500 million euros to Ukraine: युद्ध टैंकों, अत्याधुनिक हथियारों और गोला-बारूद की भारी कमी से जूझ रहे यूक्रेन को यूरोपीय यूनियन से फिर संजीवनी मिल गई है। यूरोपी संघ ने यूक्रेन को 500 मिलियन यूरो से अधिक की सैन्य सहायता देने का ऐलान कर दिया है।
Russia-Ukrain war: युद्ध में लगभग पूरी तरह खंडहर बन चुके यूक्रेन का यह हस्र यूं ही नहीं हुआ है। रूस के अनुसार यूक्रेन की बर्बादी का कारण अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देश हैं, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि यूक्रेन पुतिन के साथ बातचीत करके समस्या का निदान कर सके।
Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर जीत की ओर बढ़ रहे रूस के कदम को देखते हुए अमेरिका समेत पश्चिमी देशों में घबराहट पैदा हो गई है। अभी एक हफ्ते पहले ही रूस ने यूक्रेन पर जीतने की भविष्यवाणी की है। इसके बाद से ही रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमले को कई गुना तेज कर दिया है।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन युद्ध अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। रूस ने अभी से यह ऐलान कर दिया है कि वह हर हाल में युद्ध जीतेगा। इधर यूक्रेन हथियारों की कमी से जूझ रहा है।
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