बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज शुरुआती कारोबार में 400 अंकों से अधिक की तेजी के साथ 23,000 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 7150 अंक के पार पहुंच गया है।
अगर आप सुकून भरा रिटायरमेंट चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि अभी से प्लानिंग शुरू कर दें। यहां जरूरी है कि अंधाधुंध निवेश की बजाए समझदारी से निवेश करें।
म्युचुअल फंड शेयर बाजार में निवेश का सुरक्षित जरिया माना जाता है। लेकिन यहां कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। तभी आपका निवेश फायदेमंद होगा।
शेयर बाजार में तेजी जारी। सेंसेक्स लगातार तीसरे कारोबारी में बढ़त बरकरार रखते हुए आज के शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 160 अंक चढ़कर 24,645.70 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार की दिशा एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही के नतीजे और ग्लोबल बाजारों के रुझान पर निर्भर करेगी।
दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का असर आज घरेलू बाजार पर भी पड़ा और भारी बिकवाली से निवेशकों की संपत्ति 1.84 लाख करोड़ रुपए घट गई।
सेंसेक्स 16 मई 2014 के बाद से पहली बार 24,000 के स्तर से नीचे, 482 अंक गिरकर 23,998.65 पर आया। वहीं निफ्टी 7300 अंक के नीचे फिसल गया है।
बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2016 में अगर दलाल स्ट्रीट की यह विशलिस्ट पूरी होती है तो सेंसेक्स एक बार फिर 30000 के स्तर छू सकता है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2015 शेयर बाजारों को लेकर अच्छा उत्साह दिखाया है। फंड कंपनियों ने इस साल अभी तक 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे हैं।
अक्सर हड़बड़ी में ली गई इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद नहीं होती और आप इसे बीच में बंद करना पड़ता हैं। निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल।
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज के शुरूआती कारोबार में 176 अंक फिसलकर 25,000 और एनएसई निफ्टी 59.40 अंक टूटकर 7,600 के स्तर से नीचे आ गया।
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के चीफ एक्सक्युटिव के ऊंचे वेतन पैकेज से चिंतित है।
जरूरी दस्तावेज जैसे कि बैंक पासबुक, इंश्योरेंस पॉलिसी, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट से संबंधित आदि गुम होने पर जानिए कैसे बनवाएं दोबारा
जब स्टॉक मार्केट में तेज गिरावट आती है तो इसका असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर भी होता है। जानिए ऐसे में म्यूचुअल फंड्स में किया निवेश कैसे सुरक्षित हुआ।
आज अगर आपके पास मोटी नकदी है और आप इसका इस्तेमाल सही निवेश विकल्पों में नहीं करते हैं तो कुछ वर्षों बाद खुद को पहले से कमजोर वित्तीय स्थिति में पाएंगे।
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