Investments in India: 21वीं सदी टेक्नोलॉजी की है। अब सिर्फ इतना कहना पूरा सच नहीं रह गया है। 21वीं सदी इंडिया की हो रही है। निवेश के हर पैमाने पर भारत का डंका दुनिया में बज रहा है। इंडिया प्राइवेट इक्विटी रिपोर्ट 2023 जो बातें कही गई है, वह वाकई चौंकाने वाली है।
शेयर बाजार में मिलने वाले रिटर्न पर नजर डालें तो ऐसी कंपनियों की कोई कमी नहीं है जिसमें निवेशकों की रकम 10 साल में 10 गुना से ज्यादा बढ़ी है।
बाजार में बढ़त के साथ बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी इस साल 15 जून को अपने उच्चतम स्तर 2,31,58,316.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी।
आधुनिक प्रौद्योगिकी की वजह से आज मोबाइल एप का इस्तेमाल काफी आसान हो गया है।
इससे पहले एफपीआई ने मई में 9,031.15 करोड़ रुपए, अप्रैल में 16,093 करोड़ रुपए, मार्च में 45,981 करोड़ रुपए और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
म्यूचुअल फंड उद्योग ने शेयर बाजारों में अस्थिरता रहने के बावजूद सितंबर माह में शेयर बाजार में 11,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया,
साल 2018 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में केवल 1.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पांच करोड़ से अधिक सब्सक्राइर्ब्स को जल्द ही अपने भविष्य निधि कोष में से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये शेयरों में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प मिल सकता है।
जो निवेशक कम अवधि यानी तीन साल की अवधि के लिए कम जोखिम उठाते हुए निवेश करना चाहते हैं उनके लिए बाजार में Balanced Funds उपलब्ध हैं।
SBI म्यूचुअल फंड, ICICI प्रूडेंशियल, रिलायंस कैपिटल, HDFC, LIC, UIT तथा कोटक महिंद्रा- EPFO के शेयर बाजार में निवेश प्रबंधन के लिए दौड़ में शामिल हैं।
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