खबरों में कहा गया था कि सितंबर की तुलना में अक्टूबर 2020 के दौरान ईपीएफओ की सामाजिक योजनाओं में योगदान देने वाली 30,800 कंपनियां घटी हैं जबकि अंशधारकों की संख्या 18 लाख कम हुई है। इस खबर को EPFO ने गलत बताया है।
जीवन प्रमाण पत्र को इन सभी प्रकारों या एजेंसियों के माध्यम से जमा कराया जा सकता है और यह सभी तरीकों से मान्य होगा।
सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) दोनों को मिलाकर वेतन का कुल 24 प्रतिशत हिस्से का भुगतान दो साल तक सरकार द्वारा प्रतिष्ठानों को किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय न्यूनतम पेंशन में वृद्धि करने के श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति के चलते न्यूनतम पेंशन डबल करने घोषणा जल्द हो सकती है।
ईपीएफओ के सितंबर में जारी अस्थायी पेरोल आंकड़े में इस साल जुलाई के दौरान EPFO से शुद्ध रूप से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या 8.45 लाख बतायी थी। आज जारी हुए इस आंकड़े को अब संशोधित कर 7.48 लाख कर दिया गया है।
ईपीएफओ (EPFO) सदस्य तीन माह का बेसिक वेतन (बेसिक वेतन और महंगाई भत्ता) या अपने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते में जमा कुल राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो उसे निकाल सकता है।
कोई भी संबंधित पक्ष जहां पर उनका पीएफ खाता है, उस संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर पर व्हाट्सऐप संदेश के माध्यम से, ईपीएफओ से जुड़ी सेवाओं को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कर सकता है।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज को दो किस्तों में देने का ऐलान किया है। पहली किस्त दिवाली से पहले मिल सकती है। EPF बैलेंस जानने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसमें एसएमएस, ईपीएफओ पोर्टल, उमंग एप और मिस्ड कॉल शामिल हैं।
ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से पंजीकरण औसतन हर महीने करीब 7 लाख रहता है। ताजा पेरोल आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में शुद्ध रूपसे नये अंशधारकों की संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी।
इस तरह बीच में पैसा निकालने के लिए EPFO के कुछ नियम हैं, जिनके तहत ही पैसा निकाला जा सकता हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बुधवार को 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों को 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दो किस्तों में करने को भी अपनी मंजूरी दी है।
शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान इस साल दिसंबर तक अंशधारकों के ईपीएफ खातों में किया जाएगा।
ईपीएफओ ने इससे पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किये गये अपने कोष को बाजार में बेचने की योजना बनाई थी। ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिये यह निर्णय लिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त अवधि के दौरान ईपीएफओ ने पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक दावों का निपटारा किया है। वहीं इस दौरान वितरित की गई राशि में भी करीब 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस एप की मदद से आप बेहद आसान तरीके से क्लेम कर सकते हैं और साथ ही आप अपने पीएफ एकांउट का बैलेंस भी जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत सरकार ने कोरोना वायरस की संकटपूर्ण स्थिति में वापस न करने वाली अग्रिम भुगतान योजना का प्रावधान किया है।
यूएएन एक्टिव होने और केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने पर आप घर बैठे ऑनलाइन ही अपने पीएफ एकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
मई में नए पंजीकरण की संख्या संशोधित होकर 1.72 लाख
ईपीएफओ भारत में संगठित और अर्द्ध-संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के सामाजिक सुरक्षा कोष का प्रबंधन देखता है। इसके 6 करोड़ से अधिक सक्रिय सदस्य हैं।
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